Coronavirus LockDown-4: रमजान के महीने में सुनी पड़ी ख्वाजा की नगरी अजमेर की गलियां
कोरोना का भयरमजान के महीने में सुनी पड़ी ख्वाजा की नगरी अजमेर की गलियां-इस बार जुमातुल विदा और ईद की नमाज सामूहिक रूप से अदा नहीं की जाएगी
जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण राजस्थान में इस बार रमजान के दौरान जुमातुल विदा और ईद की नमाज़ सामूहिक अदा नहीं की जाएगी। प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार लॉकडाउन की पालना करना जरूरी है। शुक्रवार को रमजान के महीने का अंतिम शुक्रवार है। हर साल रमजान के महीन में अंतिम शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज सामूहिक रूप से अदा की जाती है।
अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्घ ख्वाजा साहब की दरगाह और जयपुर की जामा मस्जिद में अदा की जाने वाली नमाज में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण अजमेर दरगाह शरीफ की गलियों में सन्नाटे की चादर फैली हुई है। हर साल रमजान के महीने में देश-दुनिया से लोग ख्वाजा साहब की दरगाह में आते हैं। कई लोग तो पूरे एक माह यहीं रहकर रोजे रखते हैं,लेकिन अब रमजान का महीना खत्म होने में मात्र 5 दिन बचे तब भी यहां सुनसान नजर आती है।
दरगाह के दरवाजे तो खुले हैं,लेकिन किसी को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान का कहना है कि रमजान में करीब 6-7 लाख लोग हर साल आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के कारण नहीं आए। यही हालत जयपुर के जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद की है, यहां रमजान के महीने में ईद पर लाखों लोग सामूहिक रूप से अदा करते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।
उलेमा कर रहे लोगों से बात
लॉकडाउन की पालना को लेकर प्रदेश के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मुस्लिम उलेमाओं के साथ पिछले दिनों में कई बार बैठक हुई। यह फैसला लिया गया कि जुमातुल विदा और ईद की नमाज़ सामूहिक रूप से अदा नहीं की जाएगी। दोनों ही अवसरों पर नमाज घरों पर ही अदा की जाएगी। अजमेर सहित प्रदेश के अन्य बड़े शहरों व ग्रामीण इलाकों में भी एक साथ नमाज अदा नहीं करने को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने मुस्लिम उलेमाओं से बात की है। प्रदेश के अधिकांश उलेमाओं ने सामूहिक नमाज अदा नहीं करने की बात कही है।
जयपुर जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर नईमुद्दीन कुरैशी ने कहा कि कोरोना के कारण नमाज सामूहिक रूप से अदा नहीं की जाएगी । जयपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त लॉ एंड आर्डर अजयपाल लांबा ने बताया गया कि हर साल जयपुर की जामा मस्जिद पर होने वाली जुमातुल विदा की नमाज़ में लाखों लोग शरीक होते हैं। इसके साथ ही ईदगाह में होने वाली ईद-उल-फितर की नमाज़ में भी लाखों की तादाद में लोग शामिल होते हैं।
लेकिन इस साल लॉकडाउन की पालना की वजह से मस्जिदों में रमज़ान के दौरान नमाज़ में केवल चुनिंदा लोग ही शामिल हो रहे हैं। जयपुर के शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी व चीफ काजी खालिद उस्मानी ने लॉकडाउन की पालना को लेकर कहा कि समाज के सभी जिम्मेदार लोगों को आदेशों की पालना में साथ लिया जाएगा ।