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Rajasthan Government: सत्ता और संगठन में तकरार खत्म करने के लिए बनेगी कोऑर्डिनेशन कमेटी

Coordination Committee. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद सार्वजनिक होने को लेकर पार्टी आलाकमान चिंतित है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 01:37 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 01:37 PM (IST)
Rajasthan Government: सत्ता और संगठन में तकरार खत्म करने के लिए बनेगी कोऑर्डिनेशन कमेटी
Rajasthan Government: सत्ता और संगठन में तकरार खत्म करने के लिए बनेगी कोऑर्डिनेशन कमेटी

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सत्ता और संगठन में तालमेल के लिए कोऑर्डिनेशन कमेटी बनेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद सार्वजनिक होने को लेकर पार्टी आलाकमान चिंतित है। गहलोत सरकार के करीब दस माह के कार्यकाल में कई मुद्दों पर सत्ता और संगठन के आमने-सामने होने, मंत्रियों में समन्वय नहीं होने व विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करने को लेकर नाराज आलाकमान ने कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित करने का मानस बनाया है।

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अब कोऑर्डिनेशन कमेटी ही सत्ता और संगठन से जुड़े फैसले करेगी। इनमें मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियां, प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारियों की नियुक्ति, मंत्री बने प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों को हटाने व सरकार से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय कोऑर्डिनेशन कमेटी ही करेगी।

मंत्रियों को जिलों में कार्यकर्ताओं से मिलना होगा

कोऑर्डिनेशन कमेटी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे, सचिव विवेक बंसल, तरूण कुमार, काजी निजामुद्दीन, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा सहित 21 नेताओं को शामिल किया जाएगा। कोऑर्डिनेशन कमेटी के माध्यम से ही सत्ता और संगठन से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले होने के कारण अब गहलोत और पायलट अब अपने-अपने विश्वस्तों को इसमें शामिल कराने के प्रयास में जुट गए हैं। गहलोत चाहते हैँ कि कृषिमंत्री लालचंद कटारिया, राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को इसमें शामिल किया जाए।

वहीं, पायलट सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल, खाघ मंत्री रमेश मीणा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को कोऑर्डिनेशन कमेटी का सदस्य बनवाना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद इस माह के दूसरे सप्ताह तक कोऑर्डिनेशन कमेटी बन जाएगी। कमेटी की माह में एक बार बैठक होगी। पार्टी आलाकमान ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे जिलों के दौरे पर जाते समय स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ संवाद अवश्य करें। जनसुनवाई भी जहां तक संभव हो जिला कांग्रेस कमेटियों के कार्यालय में ही करें।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों स्थानीय निकाय चुनाव में हाईब्रिड फार्मूला अपनाने को लेकर गहलोत और पायलट खेमा आमने-सामने हो गया था। हाईब्रिड फार्मूले के तहत बिना पार्षद का चुनाव लड़े ही कोई भी बाहरी व्यक्ति महापौर व सभापति बन सकता था। पायलट समर्थक मंत्रियों व विधायकों ने इस निर्णय का सार्वजनिक रूप से विरोध किया था। मामला सोनिया गांधी तक पहुंचा और आखिरकार सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ा था। इसी तरह वरिष्ठ विधायक भरत सिंह व रामनारायण मीणा ने सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

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