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सरकारी खर्चे पर दीनदयाल उपाध्याय का साहित्य बांटने पर विवाद

इन 16 खंड़ों की कीमत 6 हजार रूपए बताते हुए डूडी ने कहा कि आरएसएस को खुश करने के लिए सरकार धन का दुरूपयोग किया जा रहा है ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 09 Dec 2017 04:29 PM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 04:29 PM (IST)
सरकारी खर्चे पर दीनदयाल उपाध्याय का साहित्य बांटने पर विवाद
सरकारी खर्चे पर दीनदयाल उपाध्याय का साहित्य बांटने पर विवाद

जयपुर, [जागरण संवाददाता] । जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और विचारधारा पर लिखे 16 खंडों के साहित्य को सरकारी खर्चे पर विधायकों , सांसदों एवं अन्य लोगों को बंटवाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है । कांग्रेस ने सरकारी खर्चे पर यह  साहित्य बंटवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके 16 खंड़ केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से विधायकों एवं अन्य लोगों को बंटवाए जा रहे हैं ।

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सचिवालय सहित अन्य विभागों की लाइब्रेरी में रखवाए जा रहे हैं । यह साहित्य भाजपा के पूर्व प्रदेश  अध्यक्ष  डॉ.महेश शर्मा ने लिखा है । राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने शुक्रवार को बातचीत में कहा कि कांग्रेस विधायकों को भी यह साहित्य भेजा गया है ।

इन 16 खंड़ों की कीमत 6 हजार रूपए बताते हुए डूडी ने कहा कि आरएसएस को खुश करने  के लिए सरकार धन का दुरूपयोग किया जा रहा है । उन्होंने  कहा कि कांग्रेस सरकारी धन के इस दुरूपयोग का विरोध करेगी । इधर कांग्रेस के आरोपों को गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दीनदयाल   उपाध्याय  के जीवन से कांग्रेस को भी प्रेरणा लेनी चाहिए । उन्होंने कहा कि उपाध्याय की जीवनी सभी को पढ़नी चाहिए । 


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