Rajasthan: उदयपुर में स्कूल के स्विमिंग पूल में स्कूली बच्चों को गरबा कराने पर गहराया विवाद
आयोजक ने मांगी माफी हिन्दू संगठनों ने जताई थी नाराजगी क्रिएशन ग्रुप के राजेश शर्मा ने यहां सीपीएस (सेंट्रल पब्लिक स्कूल) स्कूल में बच्चों को स्विमिंग पूल में उतारकर गरबा कराने का आयोजन रखा और अपने इस नए प्रयोग का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी किया।
उदयपुर, संवाद सूत्र। नवरात्रि में गरबा महोत्सव के दौरान कुछ नया करने के लिए शहर के एक स्कूल में स्विमिंग पूल में बच्चों से गरबा कराए जाने के मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। हालांकि हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद आयोजक ने रविवार को माफी मांग ली।
स्विमिंग पूल में गरबा का आयोजनकर्ता क्रिएशन ग्रुप के राजेश शर्मा ने रविवार को एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जारी कर माफी मांग ली है। उसका कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि उनके इस प्रयोग से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी । राजेश शर्मा का कहना है कि कुछ नया करने और इसे योग और मेडिटेशन से जोड़ने की धुन में उन्होंने यह प्रयोग किया। हालांकि अभी भी इस प्रयोग का विरोध करने वाले संगठन आयोजक के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराए जाने की बात कह रहे हैं।
#WATCH राजस्थान: उदयपुर में गरबा का आयोजन स्विमिंग पूल में किया गया। (23.09) pic.twitter.com/AIzqWi8rAL— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 23, 2022
उल्लेखनीय है कि क्रिएशन ग्रुप के राजेश शर्मा ने यहां सीपीएस (सेंट्रल पब्लिक स्कूल) स्कूल में बच्चों को स्विमिंग पूल में उतारकर गरबा कराने का आयोजन रखा और अपने इस नए प्रयोग का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी किया। उनके इस प्रयोग की जहां युवाओं ने प्रशंसा की, वहीं विभिन्न हिन्दू संगठन इसके विरोध में उतर आए। बजरंग दल, उदयपुर गरबा-गणपति समिति सहित अन्य संगठनों ने इस प्रयोग को हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के विपरीत ही नहीं बताया बल्कि असुरक्षित बताया।
इन संगठन के पदाधिकारियों का कहना था कि इस तरह से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची यहां तक बजरंग दल के विभाग प्रमुख और संयोजक राजेंद्र परमार ने इस मामले में पुलिस केस दर्ज कराने की बात कही थी। उनका कहना था कि आयोजक राजेश शर्मा को अपने इस कृत्य के लिए ना केवल सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, बल्कि आगे इस तरह की कभी गलती नहीं दोहरान का वचन देना होगा।
उदयपुर गरबा-गणपति समारोह समिति के अध्यक्ष सतीश शर्मा ने कहा कि यह सनातनी संस्कृति के विपरीत ही नहीं, बल्कि पूरी तरह असुरक्षित तरीका है। इस तरह के प्रयोग जब बढ़ेगा तो दुर्घटना की आशंका भी बढ़ जाएगी। गरबा केवल पांडाल में किया जाना चाहिए। इसके लिए पिछले सप्ताह ही समिति की बैठक में सभी गरबा मंडल आयोजकों ने तय कर लिया कि वह इस तरह का कोई कृत्य नहीं करेंगे, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे
गरबा आयोजनों में केवल भजनों को ही गाया और बजाया जाएगा, ना कि फिल्मी गीत। जबकि स्विमिंग पूल में किए गरबा आयोजन के दौरान माताजी की स्थापना नहीं की गई, बल्कि फिल्मी गानों पर गरबा किया गया। इनके अलावा अन्य हिन्दू संगठनों के बढ़ते विरोध और विवाद के बाद आयोजक राजेश शर्मा ने रविवार को सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है।