Move to Jagran APP

Rajasthan Bypoll 2019: राजस्थान कांग्रेस को सताने लगी जाट वोट बैँक की चिंता

Rajasthan Bypoll 2019. कांग्रेस आलाकमान को अब इस बात का भय सताने लगा है कि सीएम के पुत्र वैभव के आरसीए अध्यक्ष बनने के बाद कही जाट वोट बैंक कांग्रेस से दूर नहीं हो जाए।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 05:58 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 05:58 PM (IST)
Rajasthan Bypoll 2019: राजस्थान कांग्रेस को सताने लगी जाट वोट बैँक की चिंता
Rajasthan Bypoll 2019: राजस्थान कांग्रेस को सताने लगी जाट वोट बैँक की चिंता

जागरण संवाददाता, जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान को लेकर पहले चिंतित पार्टी आलाकमान की चिंता राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव ने बढ़ा दी है। कांग्रेस आलाकमान को अब इस बात का भय सताने लगा है कि मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत के आरसीए अध्यक्ष बनने के बाद कही जाट वोट बैंक कांग्रेस से दूर नहीं हो जाए।

loksabha election banner

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रामेश्वर डूडी आरसीए के अध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत को मैदान में उतार दिया। निर्वाचन अधिकारी आरआर रश्मी द्वारा नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर डूडी के निर्वाचन को भी सही नहीं माना, जिस कारण वे आरसीए अध्यक्ष नहीं बन सके। इस मुद्दे को लेकर डूडी ने मुख्यमंत्री व जोशी पर कई आरोप लगाते हुए जाट और किसान को क्रिकेट से दूर करने के लिए षड्यंत्र करने की बात कही थी।

डूडी ने कहा कि दो विधानसभा सीटों के उपचुनाव और पंचायत चुनाव में जाट व किसानों की नाराजगी को असर कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। जाट नेता व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने डूडी को आरसीए चुनाव से दूर रखने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। बेनीवाल ने कांग्रेस को जाट विरोधी तक करार दिया। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल ने माना कि आरसीए चुनाव में जो कुछ घटनाक्रम हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण था। बंसल ने कहा कि इस विवाद का असर पक्का विधानसभा उपचुनाव पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ वह सार्वजनिक रूप से नहीं होना चाहिए था। सूत्रों के अनुसार, बंसल ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपी है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि आरसीए चुनाव में सार्वजनिक रूप से बयानबाजी नहीं होनी चाहिए थी। आपस में बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए था। पायलट ने कहा था कि मैं उम्मीद करता हूं कि आरसीए विवाद का असर खींवसर व मंडावा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर नहीं हो। इन दोनों सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होगा। पिछले पांच साल विपक्ष में रहते हुए डूडी विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता थे। कांग्रेस ने उन्हे जाट नेता के रूप में प्रचारित करते हुए विधायक दल का नेता बनाया था। अब आरसीए चुनाव को लेकर जाट समाज की नाराजगी की चिंता पार्टी नेतृत्व को सताने लगी है। 

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.