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Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस विधायकों ने केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ की नारेबाजी

Rajasthan Political Crisis राजस्थान में राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं देने पर कांग्रेस विधायक राजभवन के लॉन में धरने पर बैठ गए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 07:45 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 07:45 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस विधायकों ने केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ की नारेबाजी
Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस विधायकों ने केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ की नारेबाजी

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान का सियासी संग्राम अब राज्यपाल कलराज मिश्र बनाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होता जा रहा है। विधानसभा सत्र बुलाने के मुद्दे को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री और राज्यपाल आमने-सामने आ गए। राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं देने पर कांग्रेस के साथ ही उनके समर्थक निर्दलीय, भारतीय ट्राइबल पार्टी व एक माकपा विधायक राजभवन के लॉन में धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे विधायकों ने केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ विधायकों ने राज्यपाल के खिलाफ भी नारे लगाए तो सीएम सहित वरिष्ठ नेताओं ने उन्हे रोका। दोपहर करीब तीन बजे राजभवन पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति नहीं मिलने तक राजभवन में ही बैठे रहने का एलान किया है।

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इससे पहले विधानसभा का सत्र बुलाने के मुद्दे को लेकर गहलोत शुक्रवार को 100 विधायकों के साथ 4 बसों में सवार होकर राजभवन पहुंचे। पहले तो राज्यपाल से मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने मुलाकात कर विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह किया, लेकिन राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण सत्र बुलाने में मुश्किल होगी। राज्यपाल ने कहा कि 13 मोर्च को कोरोना का हवाला देते हुए सरकार ने सत्र स्थगित करा दिया था, फिर अब जब महामारी ज्यादा बढ़ रही है तो ऐसे में सत्र बुलाना कहां तक उचित है । इस पर बाहर लॉन में बैठे कांग्रेस विधायकाो ने केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। करीब आधा घंटे तक राज्यपाल के साथ गहलोत व पांडे की चर्चा हुई, लेकिन कोई बीच का रास्ता नहीं निकला तो गहलोत व पांडे विधायकों के बीच लॉन में आ गए। इसके बाद एक बार फिर राज्यपाल ने गहलोत को बुलाया, दोनों के बीच बातचीत हुई ।

उसके बाद राज्यपाल लॉन में विधायकों के बीच आए और कहा कि वे विधानसभा सत्र बुलाने की प्रक्रिया है। इतने शॉर्ट नोटिस पर सत्र नहीं बुलाया जा सकता, लेकिन फिर भी यदि सत्तापक्ष का आग्रह है तो मैं विधिक राय लेता हूं, फिर निर्णय किया जाएगा। राज्यपाल ने मंत्रियों व विधायकों द्वारा नारेबाजी करना मर्यादा के खिलाफ बताते हुए नाराजगी जताई, लेकिन कांग्रेस विधायक तत्काल निर्णय पर अड़ गए और इसी मुद्दे को लेकर गतिरोध कायम है। कांग्रेस ने विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति मिलने तक राजभवन में ही बैठने का निर्णय लिया।

राष्ट्रपति भवन तक जाने पर विचार

शनिवार तक राज्यपाल की ओर से सत्र बुलाने की अनुमति नहीं मिलने पर गहलोत अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली कूच पर विचार कर रहे हैं। राजभवन के लॉन में वरिष्ठ विधायकों के साथ चर्चा में गहलोत ने तय किया कि यदि राज्यपाल की अनुमति नहीं मिलती है तो आगे दिल्ली राष्ट्रपति भवन तक कूच किया जाएगा। गहलोत ने कहा कि ऊपर के दबाव में राज्यपाल सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दे रहे, जबकि मंत्रिमंडल की दो बार सिफारिश के बाद राज्यपाल को मंजूरी देना ही होता है।

गहलोत बोले, हम राज्यपाल से टकराव नहीं चाहते

सीएम गहलोत ने विधायकों से आग्रह किया कि गांधीवादी तरीके से पेश आना है। राज्यपाल हमारे राजप्रमुख और संविधान के हैड हैं, हम कोई टकराव नहीं चाहते। गहलोत ने कहा कि उन्होंने सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को चिट्‌ठी लिखी पर उन्होंने जवाब नहीं दिया। गहलोत ने कहा, मैंने खुद ने राज्यपाल से मिलकर सत्र बुलाने का आग्रह किया और कैबिनेट का प्रस्ताव सौंपा, लेकिन राज्यपाल ऊपर के दबाव के कारण विधानसभा सत्र नहीं बुला रहे हैं। शुक्रवार दोपहर सभी विधायक राजभवन पहुंचे और सदन बुलाने का आग्रह किया, लेकिन राज्यपाल इसके लिए तैयार नहीं हैं। हम टकराव नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि ऐसा देश में कभी नहीं हुआ कि राज्यपाल ने विधानसभा सत्र आहूत करने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी हो। 


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