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राजस्थान: विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस, संगठन में होगा फेरबदल

करीब 6 माह बाद होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस अब संगठन में सोशल इंजीनियरिंग करने की तैयारी कर रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 06:50 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 11:26 PM (IST)
राजस्थान: विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस, संगठन में होगा फेरबदल
राजस्थान: विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस, संगठन में होगा फेरबदल

जयपुर [ नरेन्द्र शर्मा ]। करीब 6 माह बाद होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस अब संगठन में सोशल इंजीनियरिंग करने की तैयारी कर रही है। सोशल इंजीनियरिंग की प्रक्रिया के तहत ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने एवं वर्तमान कार्यकारिणी में फेरबदल को लेकर मशक्कत प्रारम्भ हो गई है।

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कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे और डॉ. सीपी जोशी ने यह तो साफ कर दिया कि राजस्थान में सचिन पायलट की अगुवाई में चुनाव लड़े जाएंगे। दोनों नेताओं का कहना है कि पायलट पीसीसी अध्यक्ष के नाते चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे, लेकिन डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के भाजपा में शामिल होने और पार्टी के परम्परागत दलित वोट बैंक में भाजपा द्वारा सेंध लगाए जाने की कोशिश को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व दलित और मीणा समाज के एक-एक नेता को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रहा है।

भाजपा से दूर हो रहे राजपूत और ब्राहम्ण मतदाताओं को खुश करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की वर्तमान कार्यकारिणी में बदलाव करते हुए इन दोनों समाजों के नेताओं को अधिक महत्व दिए जाने की रणनीति पार्टी नेतृत्व ने बनाई है।

जानकारी के अनुसार जून के पहले सप्ताह तक दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ ही नई कार्यकारणी का गठन कर लिया जाएगा। इससे पहले भी दिग्गज नेता नारायण सिंह के अध्यक्ष रहते हुए अल्पसंख्यक मतदाताओं को खुश करने के लिए अबरार अहमद को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।

डॉ. सीपी जोशी के अध्यक्ष रहते हुए दलित वोट बैंक को साधने के लिहाज से परसराम मोरदिया को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। इसी प्रकार डॉ. चन्द्रभान के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए राजपूत मतदाताओं और वैश्य वर्ग को खुश करने के लिए गोपाल सिंह ईडवा और जुगल काबरा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। अब एक बार फिर मीणा और दलित वर्ग के दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।

यह है गणित

कांग्रेस के हिसाब से प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रमुख पद है। इसके साथ ही चार अग्रिम संगठनों के अध्यक्ष भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनमें से एक पद पर गुर्जर समाज के प्रतिनिधि सचिन पायलट जोकि प्रदेश अध्यक्ष हैं, वहीं रामेश्वर डूडी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, जो जाट समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके अतिरिक्त संगठनों में युवक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर जाट, एनएसयूआई के अध्यक्ष पद पर गुर्जर, महिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर अल्पसंख्यक और सेवादल अध्यक्ष पद पर ब्राहम्ण हैं। अब मीणा और दलित समाज के किसी एक नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस नेतृत्व जातिगत समीकरण साधने की तैयारी कर रहा है।


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