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Rajasthan: स्थानीय निकायों में कांग्रेस भारी, सत्ता की चाबी निर्दलियों के पास; चेयरमैन का चुनाव 20 को

Rajasthan पहले चरण में जहां भाजपा का पलड़ा भारी रहा था वहीं इस बार दूसरे चरण में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव में हुई हार की कसर कांग्रेस ने स्थानीय निकाय चुनाव में निकाली है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 06:58 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 09:31 PM (IST)
Rajasthan: स्थानीय निकायों में कांग्रेस भारी, सत्ता की चाबी निर्दलियों के पास; चेयरमैन का चुनाव 20 को
राजस्थान स्थानीय निकायों में कांग्रेस भारी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान के 50 स्थानीय निकायों (43 नगर पालिकाओं व सात नगर परिषदों) में 11 दिसंबर को हुए चुनाव के नतीजे रविवार को आ गए। जयपुर, अलवर, श्रीगंगानगर, धौलपुर, बांरा, करौली, दौसा, भरतपुर, जोधपुर, कोटा, सिरोही व सवाई माधोपुर जिलों की 43 नगर पालिका और सात नगर परिषदों के 1775 वार्डों में पार्षद पद के लिए वोट डाले गए थे। इन चुनावों में 7249 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है। पहले चरण में जहां भाजपा का पलड़ा भारी रहा था, वहीं इस बार दूसरे चरण में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव में हुई हार की कसर कांग्रेस ने स्थानीय निकाय चुनाव में निकाली है। स्थानीय निकायों में बोर्ड बनाने की चाबी कई जगहों पर निर्दलियों के पास है। उधर, चेयरमैन के चुनाव को लोक अधिसूचना सोमवार को जारी होगी। नामांकन पत्र 15 दिसंबर को दाखित हो सकेंगे। चुनाव चिन्ह का आवंटन 17 दिसंबर को व मतदान 20 दिसंबर को होगा।

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बोर्ड बनाने में जुटी पार्टियां

श्रीगंगानगर, जयपुर व धौलपुर जिलों में कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है। वहीं, सवाई माधोपुर व करौली व भरतपुर जिलों में बोर्ड बनाने की चाबी निर्दलियों के हाथ में रहेगी। जयपुर जिले की 10 निकायों में से 6 में कांग्रेस का बोर्ड बनता हुआ नजर आ रहा है, हालांकि उसे बोर्ड बनाने के लिए निर्दलियों का सहयोग लेना होगा। शेष चार में भाजपा की स्थिति ठीक है। इसी तरह भरतपुर जिले के 255 वार्डों में से 187 पर निर्दलीय, 45 पर भाजपा, 22 पर कांग्रेस व एक में बसपा की जीत हुई है। भरतपुर जिले की कुम्ेहर व डीग निकाय में निर्दलियों के सहारे बोर्ड बनाने को लेकर पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह सक्रिय हो गए। धौलपुर नगर परिषद में भी निर्दलियों ने कांग्रेस व भाजपा का गणित बिगाड़ दिया। यहां कांग्रेस व भाजपा के 22-22 पार्षद जीते और बसपा का एक व 15 निर्दलीय निर्वाचित हुए हैं। यहां बोर्ड बनाने में निर्दलियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। राजाखेड़ा में कांग्रेस का बोर्ड बनना तय है। यहां 20 वार्डों में कांग्रेस,11 में भाजपा, एक में बसपा व तीन में निर्दलीय जीते हैं।

बाड़ी नगरपालिका में कांग्रेस 26, भाजपा तीन और निर्दलीय 16 पर जीते हैं। सवाई माधोपुर नगर परिषद के 27 वार्डों में कांग्रेस, 22 में भाजपा, एक में माकपा व 10 में निर्दलीय जीते हैं। गंगानगर सिटी के 60 वार्डों में भाजपा, 27 में कांग्रेस व 21 में निर्दलीय निर्वाचित हुए हैं। करौली नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस 15 भाजपा 15 निर्दलीय 25 सीटों पर जीते हैं। यहां निर्दलीय पार्षदों की भूमिका की भूमिका महत्वूपर्ण रहेगी। हिंडौन नगर परिषद चुनाव में 60 सीटों में भाजपा ने 18, कांग्रेस 13 बसपा एक और निर्दलीय 28 पर चुनाव जीते हैं। टोडाभीम नगर पालिका चुनाव में 25 सीटों में से भाजपा पांच, कांग्रेस 14, छह निर्दलीयों ने चुनाव जीता है। जोधपुर जिले के बिलाड़ा में भाजपा व पिपाड़ में कांग्रेस का बोर्ड बनना तय है। इसी तरह कोटा जिले के इटावा पालिका में भाजपा ने 16 व कांग्रेस ने 10 सीटें जीती है, नौ पर निर्दलियों का कब्जा हुआ। रामगंज मंडी में कांग्रेस की जीत हुई है। झालावाड़ नगर परिषद में भाजपा का बोर्ड बनना तय है। 


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