Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा चुनाव में टूट की आशंका से बाड़ेबंदी में रहेंगे कांग्रेस और निर्दलीय विधायक
Rajya Sabha Election 2022 राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मतदान तक विधायकों के साथ रहेंगे। कांग्रेस को गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे 13 निर्दलीय विधायकों में टूट की आशंका है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राज्यसभा चुनाव में विधायकों में भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा की सेंध के डर से कांग्रेस अपने और समर्थक विधायकों को जयपुर से उदयपुर लेकर गई है। इन विधायकों को उदयपुर के ताज अरावली होटल में रखा गया है। होटल में 125 कमरे बुक करवाए गए हैं। दस जून को होटल से सीधे जयपुर स्थित विधानसभा भवन में मतदान के लिए ले जाया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मतदान तक विधायकों के साथ रहेंगे। कांग्रेस को गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे 13 निर्दलीय विधायकों में टूट की आशंका है। इस बीच, कांग्रेस के विधायकों में भी राज्यसभा चुनाव में तीनों प्रत्याशी बाहरी होने पर नाराजगी है। उधर, निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला ने बृहस्पतिवार को कहा कि मैं गहलोत के साथ हूं। उन्होंने कहा कि साल, 2013 के एक मामले में भाजपा के राज्यसभा सदस्य डा. किरोड़ी लाल मीणा के इशारे पर उन्हें सीबीआइ के माध्यम से फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधायक वाजिब अली को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आय से अधिक मामले में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
बसपा और बीटीपी ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष डा. सीपी जोशी को पत्र लिखकर उन छह विधायकों को राज्यसभा चुनाव में मतदान करने से रोकने का आग्रह किया है, जिन्होंने नियम विरुद्ध बसपा विधायक दल का कांग्रेस में विलय किया था। इससे जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। वहीं, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के प्रदेश अध्यक्ष डा. वेलाराम ने कहा कि हमारे दोनों विधायक मतदान में भाग नहीं लेंगे। कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक, प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के समर्थन से सुभाष चंद्रा के नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों ने चंद्रा को समर्थन देने की बात कही है।
जानें, वोटों का गणित
200 सदस्यीय विधानसभा में प्रत्येक उम्मीदवार को जीत के लिए 41-41 वोट चाहिए। कांग्रेस के खुद के 109 वोट हैं। कांग्रेस को अब तक उम्मीद थी कि सरकार को समर्थन दे रहे 13 निर्दलीय विधायक राज्यसभा चुनाव में उसके साथ रहेंगे, लेकिन चार निर्दलय विधायकों के रुख से कांग्रेस की चिंता बढ़ी है। माकपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो-दो विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन राज्यसभा चुनाव में आदिवासी को उम्मीदवार नहीं बनाने पर ट्राइबल पार्टी के विधायक कांग्रेस से नाराज हैं। तीनों उम्मीदवारों के लिए 123 विधायकों के वोट जरूरी हैं। बदले हालात में अगर तीन विधायकों के वोट भी इधर-उधर हो गए तो कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार की हार हो सकती है। कांग्रेस 126 विधायकों के समर्थन का दावा है। कांग्रेस के इस दावे के बावजूद सेंध का खतरा बना हुआ है। बुधवार रात से विधायकों का उदयपुर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था।
वसुंधरा राजे ने सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गुरुवार रात एक बयान जारी कर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर राज्यसभा चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। वसुंधरा ने कहा कि यहां एक-एक विधायक के पीछे पुलिस की एक-एक गाड़ी लगा दी गई है और उनका पीछा किया जा रहा है। यह पूरी तरह से सत्ता का दुरुपयोग ही है, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ। इस सबके बावजूद भाजपा के प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी और सुभाष चंद्रा जीतेंगे। क्योंकि विधायक पार्टी लाइन से ऊपर उठकर हमारे दोनों उम्मीदवारों को वोट देकर जरूर विजयी बनाएंगे।