IAS: प्रमोशन को लेकर राजस्थान में दो प्रमुख सेवाओं के अधिकारियों में घमासान
Promotion in IAS. प्रमोशन को लेकर इन दिनों राजस्थान की दो प्रमुख सेवाओं राजस्थान प्रशासनिक सेवा और राजस्थान राज्य अन्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के बीच ठनी हुई है।
जयपुर, मनीष गोधा। Promotion in IAS. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के काडर में प्रमोशन को लेकर इन दिनों राजस्थान की दो प्रमुख सेवाओं राजस्थान प्रशासनिक सेवा और राजस्थान राज्य अन्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के बीच ठनी हुई है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अन्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को आइएएस बनाए जाने का विरोध कर रहे है। वहीं, अन्य सेवाओं के अधिकारियों ने इस विरोध को पूरी तरह गलत बताया है और आइएएस में प्रमोशन का कोटा बढ़ाने की मांग की है।
दरअसल, राजस्थान में आइएएस के अलावा स्थानीय स्तर के दो प्रमुख प्रशासनिक सेवाए हैं। इनमें से राजस्थान प्रशासनिक सेवा यानी आरएएस है। आइएएस के बाद इन्हीें का नंबर आता है। इसके अलावा राजस्थान राज्य अन्य प्रशासनिक सेवा भी है। इसमें विभिन्न विभागों जैसे चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग, जनसंपर्क विभाग आदि के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। आइएएस में संघ लोक सेवा से सीधे चयनित होकर तो अधिकारी आते ही है। इसके अलावा हर राज्य में कुछ कोटा राज्य सेवा के अधिकारियों का भी होता है।
राजस्थान में भी हर वर्ष आरएएस से और अन्य प्रशासनिक सेवा से अधिकारियों को आइएएस काडर में प्रमोशन दिया जाता है। हालांकि अन्य सेवा के अधिकारियों के प्रमोशन के लिए यह शर्त है कि संबंधित राज्य में विशेष परिस्थितियों होने पर ही अन्य सेवाओं के अधिकारियों का नाम भेजा जाए। हर वर्ष राजस्थान में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी प्रमोशन के लिए आने वाले आवेदनों की स्क्रीनिंग कर संघ लोक सेवा आयोग को नाम भेजती है और फिर से वहां भेजे गए नामों में से राज्य के आइएएस काडर के रिक्त पदों के अनुसार प्रमोशन दिया जाता हैं।
पिछले काफी समय से आरएएस अधिकारी अन्य सेवाओं के अधिकारियों को आइएएस में प्रमोट किए जाने का विरोध कर रहे हैं। इनका तर्क है कि हमारे अधिकारियों के ही पर्याप्त संख्या में प्रमोशन नहीं हो रहे हैं, ऐसे में अन्य सेवाओं के अधिकारियों को प्रमोशन दिए जाने की विशेष परिस्थितियां हैं ही नहीं। आरएएस अधिकारियों की एसोसिएशन के अध्यक्ष शाहीन अली कहते हैं कि यह बात सही है कि सरकार को अधिकार है, लेकिन सरकार यह भी तो स्पष्ट करे कि ऐसी विशेष परिस्थितियां क्या हैं, जिनके चलते अन्य सेवाओं के अधिकारियों के प्रमोशन के नाम भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा सरकार इस नियम का भी पालन नहीं कर रही है कि एक बार जिसका केंद्र सरकार रिजेक्ट कर दे, उसका नाम दोबारा नहीं भेजा जाएगा। कई ऐसे नाम ऐसे है जो हर बार भेज दिए जाते है। उन्होंने कहा कि हम इस के खिलाफ सितंबर में अपीलेट ट्रिब्यूनल में गए थे और वहां से हमें राहत नहीं मिली तो हाईकोर्ट जाएंगे।
उधर, इस मामले को लेकर अब अन्य सेवाओ के अधिकारी भी खुल कर सामने आ गए हैं। राजस्थान राज्य अन्य प्रशासनिक सेवा परिसंघ के अध्यक्ष भजन लाल रोलन का कहना है कि आरएएस अधिकारियों का विरोध पूरी तरह गलत है। हमारी सेवा के 53 हजार अधिकारी हैं, जबकि आरएएस में केवल 1050 अधिकारी हैं। ऐसे मे हमारा पदोन्नति कोटा तो सरकार को बढाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होने यह भी मांग की कि सरकार हमारे विभागों में आरएएस अधिकारियों की नियुक्ति कर देती है। इससे हमारे अधिकारियों की पदोन्नति प्रभावित होती है। उन्हें प्रमोशन का अवसर नहीं मिलता। इसलिए हमारे विभागों में लगाए गए आरएएस अधिकारियों को हटाया जाना चाहिए।