Coronavirus: राजस्थान में प्रवासियों के क्वारंटाइन पर जोर, वार्ड से लेकर राज्यस्तर तक समितियां गठित
Coronavirus. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर सरकार ने प्रदेश में आने वालों के लिए 14 दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, जयपुर। Coronavirus. लॉकडाउन की वजह से प्रवासी श्रमिकों के आने और जाने के बाद अब राजस्थान में सरकार का सबसे ज्यादा जोर बाहर से आ रहे लोगों को क्वारंटाइन किए जाने पर है। प्रदेश में अब तक आए लोगों में से 225 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। ऐसे में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर सरकार ने प्रदेश में आने वालों के लिए 14 दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया है और इसका प्रबंधन करने के लिए वार्ड से लेकर राज्य स्तर तक समितियां गठित की हैं।
राजस्थान सरकार ने अपने प्रवासियों को वापस लाने के लिए सबसे ज्यादा प्रयास किए हैं और अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग राजस्थान में वापस आने के लिए सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों की वापसी हो भी रही है। वापस आ रहे लोगों के साथ ही संक्रमण भी आ रहा है और इसके चलते अब तक काफी हद तक बचे रहे जिलों में भी संक्रमण पहुंच रहा है। गुरुवार दोपहर दो बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार अब तक आए लोगों में से 225 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें संक्रमितों की सबसे ज्यादा संख्या जालौर, पाली, राजसमंद, अलवर, चूरू और सिरोही में है।
जालौर में अब तक 38, पाली में 32, राजसमंद में 25, अलवर में 19, चूरू में 15 और सिरोही में 14 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। सिरोही तो वो जिला है जहां अब तक कोरोना पॉजिटिव थे ही नहीं। यहां सभी पॉजिटिव मरीज प्रवासी ही हैं। वहीं राजसमंद में भी कुल 26 में से 25 पॉजिटिव प्रवासी है। चूरू तो संक्रमण मुक्त हो चुका था लेकिन अब यहां भी 15 प्रवासी पॉजिटिव पाए गए हैं। इस स्थिति के अभी और खराब होने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि वापस लौटने वाले प्रवासियों में बहुत बड़ी संख्या इन्हीं जिलों से है। विशेषकर पाली, जालौर, सिरोही में आने वाले तो ज्यादातर लोग महाराष्ट्र से आ रहे हैं जो संक्रमितों की दृष्टि से सबसे खराब स्थिति वाला प्रदेश है।
वार्ड से लेकर राज्यस्तर तक क्वारंटाइन समिति इस स्थिति को देखते हुए ही अब राजस्थान सरकार का सबसे बड़ा फोकस क्वारंटाइन व्यवस्थाओं पर है। इसके लिए बाहर से आने वाले हर व्यक्ति के लिए 14 दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य किया गया है। जो होम क्वारंटाइन हो सकते हैं, वे घर में रहेंगे। वहीं जिनके पास घर में व्यवस्था नहीं है,उन्हें सरकार के क्वारंटाइन केंद्र में रखा जाएगा। बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग होगी और उसका नाम दर्ज किया जाएगा। इसके प्रबंधन के लिए सरकार ने राज्य, जिला, उपखंड, पंचायत और वार्ड स्तर तक समितियां गठित की हैं। राज्य स्तर पर सरकार ने आइएएस अधिकारी वीनू की अध्यक्षता में छह आइएएस अधिकारियों की समिति का गठन किया है।