EWS Reservation: सीएम अशोक गहलोत बोले, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में राजस्थान का फार्मूला लागू करे केंद्र सरकार
EWS reservation. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी से आर्थिक पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर देशभर में राजस्थान का फार्मूला लागू करने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी से एक बार फिर आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईब्ल्यूएस) आरक्षण को लेकर देशभर में राजस्थान का फार्मूला लागू करने की मांग की है। गहलोत ने पहले तो पीएम को इस संबंध में पत्र लिखा और सोमवार को राजपूत समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकत के दौरान कहा कि वे केंद्र सरकार से एक बार फिर आग्रह करेंगे कि ईडब्यूएस आरक्षण के मामले में राजस्थान का फार्मूला अपनाते हुए अचल संपति का प्रावधान हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ईडब्यूएस प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए इस वर्ग के युवाओं को काफी मुश्किल होती है। अचल संपति का मूल्य निर्धारण जटिल प्रक्रिया है। पिछड़े सवर्णों को दिए जाने वाले 10 प्रतिशत ईडब्लयूएस आरक्षण से भूमि एवं भवन संबंधी प्रावधान पिछले सप्ताह हटाए जाने के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे राजपूत समाज के नेताओं ने उन्हें इस निर्णय के लिए धन्यवाद दिया। क्षत्रिय युवक संघ के अध्यक्ष भगवान सिंह रोलसाहबसर के नेतृत्व में समाज के प्रमुख नेता मुख्यमंत्री से मिले।
रोलसाहबसर ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण में रोड़ा बन रहे इस प्रावधान को समाप्त करने पर सीएम गहलोत को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने बड़ी जटिलता को खत्म कर दिया है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सकारात्मक संदेश मिला है। राजपूत समाज के एक अन्य संगठन प्रताप फाउंडेशन के अध्यक्ष महावीर सिंह ने भी मुख्यमंत्री का इस निर्णय के लिए आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण से अचल संपत्ति प्रावधान हटाने के बाद अब परिवार की कुल वार्षिक आय अधिकतम आठ लाख रुपये ही एकमात्र इसका एकमात्र आधार मानी जाएगी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के सामान्य वर्ग के उस हिस्से को फायदा मिलेगा जो संपत्ति संबंधी प्रावधानों के चलते आरक्षण के दायरे से बाहर हो रहे थे और उनके ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र नहीं बन रहे थे।
अब 90 फीसद से ज्यादा आबादी आरक्षण में कवर हो जाएगी
अचल संपत्ति संबंधी इस जटिल प्रावधान के कारण सामान्य वर्ग की 20 फीसदी से भी कम आबादी ईडब्लयूएस आरक्षण के दायरे में आ रही थी। लेकिन राज्य सरकार द्वारा अचल संपति का प्रावधान हटाने के बाद अब 90 फीसद से ज्यादा आबादी इसमें कवर हो जाएगी. सरकार के इस फैसले से प्रक्रियाधीन भर्तियों में भी पिछड़े सवर्णों के अिर्भ्यथयों को लाभ मिल सकेगा।
केंद्र सरकार द्वारा सवर्ण वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने के लिए यह प्रावधान किया है कि जिस परिवार के प्रमुख की आय सालाना आठ लाख रुपये से कम और पांच हेक्टेयर से कम कृषि भूमि वालों को यह लाभ मिलेगा। अचल संपति का प्रावधान हटाने को लेकर गहलोत प्रधानमंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं।