स्वच्छ भारत अभियान फ्लॉप : शशि थरूर
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के चौथे दिन मंच पर स्वच्छ भारत अभियान की बात हुई। कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर ने प्रधानमंत्री के इस अभियान पर केवल सवाल ही नहीं उठाए बल्कि इसे सुपर फ्लॉप कह दिया।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के चौथे दिन मंच पर स्वच्छ भारत अभियान की बात हुई। कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर ने प्रधानमंत्री के इस अभियान पर केवल सवाल ही नहीं उठाए बल्कि इसे सुपर फ्लॉप कह दिया। थरूर ने कहा कि इस अभियान की जमीनी हकीकत यह है कि केवल गांधी जयंती पर भाषण और फोटो खिंचवाने के लिए पीएम समेत अन्य बड़े चेहरे कैमरों के सामने आ जाते हैं। थरूर ने कहा कि पीएम कहते हैं न खाऊंगा न खाने दूंगा। आखिर वह क्या है जिसे न खाने और न खाने देने की बात करते हैं, बीफ या करप्शन।
सत्र में पंजाब के लेखक देसराज काली ने कहा कि इंडिया में सफाई की बात होती है तो उसे वर्गभेद से जोड़ दिया जाता है। सफाई करने वाले को गटर का आदमी क्यों कहा जाता है। ये रोंगटे खड़े कर देने वाला विभाजन है। इसे खत्म करना ही होगा। सफाईकर्मी की हालत यह है कि वह अपनी जिंदगी में कभी रिटायर ही नहीं हो पाता हे। दरअसल वह सफाई करते हुए जहरीली गैस से मर जाता है।
देसराज काली ने कहा कि आज जालंधर में तीन हजार रुपए टायलेट बनाने के लिए दिए जा रहे हैं, अब आप ही बताइए इतने में तो टायलेट शीट भी नहीं आती है। इन तीन हजार रुपए में से कुछ ब्यूरोक्रेसी तो कुछ ठेकेदार खा जाता है। बाकी में आप ही बताइए टायलेट कैसे बनता है। दो साल में स्वच्छ भारत अभियान फ्लॉप रहा है। यूपीए सरकार की निर्मल भारत अभियान का बजट इससे ज्यादा था।
देसराज काली ने कहा कि गांधीजी भी स्वच्छता के इस मुहिम में अकेले रह गए थे। किसी ने साथ नहीं दिया। अंबेडकर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब दलित और गरीबों के उत्थान के लिए अंबेडकर ने उन्हें शहर भेजने की बात की तो वहां का मंजर ही कुछ और हो गया। वहां इन्हें देश के सिस्टम ने झुग्गियों में जगह दे दी जो आज तक बरकरार है। सत्र के दौरान शंचिता गजापती राजू ने भी अपनी बात कही।