Vijay Diwas: भारत पाक के 1971 में युद्ध का पचासवां साल, मुख्यमंत्री गहलोत ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
भारत पाक के 1971 में युद्ध का पचासवां साल। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित। मुख्यमंत्री गहलोत ने दिया श्रद्धांजलि संदेश। विजय दिवस पूरे मुल्क के लिए आन-बान-शान का प्रतीक। देश के लिए जान की बाजी लगाने वाले सभी शहीद सैनिकों को विनम्र श्रद्धांजलि।
रंजन दवे, जोधपुर। भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुई जंग में जीत के आज 49 साल पूरे हो गए। वहीं 50वां साल शुरू हो गया है। इस मौके पर जोधपुर में पूर्व सैनिक सेवा परिषद जोधपुर प्रांत की ओर से 1971 के भारत-पाक युद्ध को विजय दिवस के रूप मनाया गया। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहीद स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मौके पर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। अपने संदेश में उन्होंने विजय दिवस को पूरे मुल्क के लिए आन-बान-शान का प्रतीक बताया है।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि
बुधवार को जोधपुर सहित पूरे देश में बुधवार को स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया गया। इस अवसर पर शहीदों की याद में कई कार्यक्रम हुए। जोधपुर में पूर्व सैनिक सेवा परिषद जोधपुर प्रांत की ओर से श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें पूर्व सैनिक सेवा परिषद के पदाधिकारी और पूर्व सैनिको ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर नगर निगम दक्षिण महापौर वनिता सेठ, भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष देवेंद्र जोशी सहित कई लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
विजय दिवस पूरे मुल्क के लिए आन-बान-शान का प्रतीक
मुख्यमंत्री गहलोत ने दिया श्रद्धांजलि संदेश-विजय दिवस पूरे मुल्क के लिए आन-बान-शान का प्रतीक है। भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और अदम्य साहस ने 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान को पराजित कर बांग्लादेश बना दिया, पाकिस्तान की सेना को घुटनों पर ला दिया। युद्ध में सेना के जवानों की शहादत को हम गर्व से याद करते हैं। उनकी कुर्बानी को कोई नहीं भूल सकता। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस युद्ध के जरिए उपमहाद्वीप का इतिहास ही नहीं भूगोल भी बदलकर रख दिया। स्व. इंदिरा गांधी ने एक सशक्त महिला प्रधानमंत्री के रूप में देश को नेतृत्व प्रदान किया जिससे पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ा।
जान की बाजी लगा देने वाले सैनिकों को विनम्र श्रद्धांजलि
भारत-पाकिस्तान युद्ध में 90 हजार से अधिक सैनिकों ने समर्पण किया। बांग्लादेश के उदय से पूरी दुनिया में भारत की सैनिक ताकत का लोहा माना गया। मुझे इस बात का गर्व है कि युद्ध के दौरान पश्चिमी बंगाल में लगे शरणार्थी शिविरों में जाकर शरणार्थियों की सेवा का अवसर मुझे मिला। करीब पंद्रह दिन तक हम उनके दु:ख - सुख में काम आए। वो दिन आज भी मुझे याद आते हैं। राजस्थान की धरती में हर गांव, हर परिवार में नौजवान मिलेगें, जिन्होंनें सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने आप को कुर्बान कर दिया। देश की आन-बान-शान के लिए जान की बाजी लगा देने वाले सभी शहीद सैनिकों को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री राजस्थान।