Rajasthan Political Crisis: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले,सीबीआई को जांच देनी चाहिए, हर जांच के लिए तैयार
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर जारी किया गया आॅडियो फर्जी है । यह आॅडियो गलत तरह से तैयार किया गया है ।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर । राजस्थान के सियासी संकट के बीच भाजपा ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को अमान्य करने की मांग एक बार फिर उठाई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर जारी किया गया आॅडियो फर्जी है । यह आॅडियो गलत तरह से तैयार किया गया है । इस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए । उन्होंने कहा कि जिस कथित आॅडियो में मेरी आवाज होने की बात कही गई है,वह मेरी नहीं है । मैं मारवाड़ की भाषा बोलता हूं,लेकिन आॅडियो में शेखावाटी भाषा बोली जा रही है ।
"दैनिक जागरण" से विशेष बातचीत में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई से हो या राजस्थान की किसी ऐजेंसी से हो,मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। मेरी आवाज को प्रदेश के लोग जानते हैं,आॅडियो में मेरी भाषा कहीं नहीं है । आॅडियो पूरी तरह से फर्जी है । मैं ना तो कभी कांग्रेस के बागी विधायक भंवरलाल शर्मा से मिला और ना ही फोन पर बात की । उन्होंने कहा कि अब तक एसओजी के किसी अधिकारी ने मेरे से बात नहीं कि है,लेकिन यदि कोई आया तो मैं उसका स्वागत करूंगा और पूरा सहयोग करूंगा । एसओजी को भी प्रदेश सरकार के दबाव में आने के बजाय सही तथ्य सामने रखकर जांच करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत मुझ पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं,लेकिन जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी । कांग्रेस अपनी आंतरिक खींचतान से परेशान है,लेकिन सारा दोष भाजपा पर डालने का प्रयास कर रही है । भाजपा ने कभी कांग्रेस के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दिया । शेखावत ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई को देनी चाहिए,एसओजी भी सही जांच करे । मैं एसओजी का पूरा सहयोग करूंगा ।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बोले,गहलोत सरकार के दबाव में है एसओजी
जयपुर । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक बातचीत में कहा कि एसओजी ने फर्जी तरह से मामला दर्ज किया है । एसओजी अशोक गहलोत सरकार के दबाव में काम कर रही है । एसओजी से सही जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती । अब तो सीबीआई की जांच में ही सही तथ्य सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी चरम पर है । विधायक गहलोत को अपना नेता नहीं मानते हैं ।