इस्तीफा देने वाले विधायकों से उप चुनाव का खर्च वसूला जाए, राजस्थान हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका
पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले विधायकों द्वारा इस्तीफे देने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है ।
जागरण संवाददाता,जयपुर। कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायकों के इस्तीफों ने देश में दलबदल कानून को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू की है । चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचने वाले विधायकों का पांच साल का कार्यकाल होता है,लेकिन कई बार विधायक सरकार बनाने अथवा गिराने को लेकर समय से पूर्व ही इस्तीफे दे देते हैं। पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले विधायकों द्वारा इस्तीफे देने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है । याचिका में इस्तीफों के चलते होने वाले उप चुनाव का खर्च इस्तीफा देने वाले विधायकों से वसूले का आग्रह किया गया है ।
एडवाकेट सुनील कुमार सिंह की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि जनता जिन जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए 5 साल के लिए वोट देती है ।वे विधायक अपने निजी स्वार्थों के लिए समय से पहले इस्तीफा दे देते हैं । जबकि रिप्रजेंटेशन पीपल एक्ट के तहत केवल किसी जनप्रतिनिधि की मौत होने पर ही उप चुनाव कराया जाना चाहिए । विधायकों के इस्तीफे से आम जनता के पैसों को उप चुनाव में खर्च करना ठीक नहीं है,इसलिए यह राशि इन्ही से वसूल की जानी चाहिए । याचिका में कर्नाटक विधानसभा में साल 2018 में चुनाव जीतकर आए 12 विधायकों के इस्तीफों के बाद हुए उप चुनाव का उल्लेख किया गया है ।
पिछले दिनों मध्यप्रदेश में 20 विधायकों के इस्तीफों के बाद अब उप चुनाव की स्थिति उत्पन्न होने पर पूरा खर्च इस्तीफा देने वाले विधायकों से ही लेने की बात याचिका में कही गई है। याचिका में आशंका जताई गई है कि राजस्थान में भी आगामी समय में कुछ विधायक इस्तीफे दे सकते हैँ । इस कारण चुनाव आयोग को समय रहते उचित कदम उठाना चाहिए । याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय कानून मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है ।