Warning: राजस्थान को केंद्र की चेतावनी, आवंटित आवासों में कटौती कर दूसरे राज्यों को दे देंगे
Warning to Rajasthan. केंद्र ने राजस्थान को चेतावनी दी है कि लक्ष्य पूरे नहीं किए गए तो राजस्थान को आवंटित लक्ष्य में कटौती दूसरे राज्यों में बांट दिए जाएंगे।
जयपुर, जेएनएन। Warning to Rajasthan. ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को पक्का मकान उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना में लक्ष्य के अनुसार स्वीकृति जारी नहीं करने को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। केंद्र ने राजस्थान को चेतावनी दी है कि लक्ष्य पूरे नहीं किए गए तो राजस्थान को आवंटित लक्ष्य में कटौती दूसरे राज्यों में बांट दिए जाएंगे। हालांकि इस तरह की चेतावनी राजस्थान के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल को भी दी गई है।
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को लेकर काफी गंभीर है और इसे लेकर सख्त माॅनिटरिंग की जाती है। राजस्थान में इस योजना पर काम तो हो रहा है, लेकिन काम की गति बहुत संतोषप्रद नहीं है। विशेषकर सत्ता परिवर्तन के बाद इस योजना को लेकर निचले स्तर पर ढिलाई देखने में आ रही है। केंद्र सरकार ने राजस्थान को वर्ष 2019-20 के दौरान 3.64 लाख ग्रामीण आवास निर्मित करने का लक्ष्य दिया था।
राजस्थान सरकार ने इस लक्ष्य को अलग-अलग जिलों में बांट दिया था। केंद्र के निर्देश थे कि 15 नवंबर तक लक्ष्य के अनुसार, सभी आवास स्वीकृत कर दिए जाएं और स्वीकृत आवासों के लिए प्रथम किश्त का वितरण भी कर दिया जाए। लेकिन राजस्थान के 33 जिलों में से बीकानेर को छोड़ कर एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां लक्ष्य के अनुसार सभी स्वीकृति जारी कर दी गई हो। वहीं, प्रथम किश्त का वितरण यहां भी 1257 लाभार्थियों को नहीं हो पाया है। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 12 नवंबर तक लक्ष्य में से 15 हजार 497 स्वीकृति और 58 हजार 459 लाभार्थियों को पहली किश्त का वितरण होना शेष था। यानी स्वीकृति जारी करने का काम करीब 96 प्रतिशत और प्रथम किश्त जारी करने का काम करीब 84 प्रतिशत ही हो पाया था।
छह माह में जारी किए गए 16 रिमाइंडर
यह स्थिति तब है, जबकि राज्य सरकार के स्तर से लगातार जिला कलक्टरों को लक्ष्य पूरा करने के रिमाइंडर भेजे जा रहे है। राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह की ओर से 31 मई, 2019 से लेकर 11 नवंबर, 2019 तक के सवा पांच महीने में 16 रिमांइडर जिला कलक्टरों को भेजे जा चुके हैं। इसके बावजूद जिलास्तर पर लक्ष्य हासिल नहीं किए जा सके।
पिछले माह केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की एंपावर्ड कमेटी की बैठक हुई थी। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के काम का मूल्यांकन किया गया। कमेटी ने तय किया कि यदि राजस्थान में 15 नवंबर तक लक्ष्य के अनुसार सभी लाभार्थियों को आवास स्वीकृत नहीं किए जाते हैं, तो राजस्थान के लक्ष्य में कटौती कर शेष बचे आवास अन्य राज्यों को आवंटित किए जा सकते हैं। यह निर्णय बिहार और पश्चिम बंगाल के बारे में भी लिया गया था।
केंद्र की चेतावनी के बाद चेताया कलक्टरों को
केंद्र से मिले चेतावनी भरे पत्र के बाद अब राजस्थान सरकार ने एक बार फिर सभी जिला कलक्टरों को पत्र लिख कर 15 नवंबर तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं और यह चेतावनी भी दी है कि लक्ष्य पूरा नहीं होने की स्थिति में यदि राजस्थान को आवंटित आवासों में कटौती की जाती है तो उसके लिए कलक्टर व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
अभी भी पूरा होना मुश्किल
यह काम इस चेतावनी के बाद भी पूरा होना मुश्किल दिख रहा है, क्योंकि सरकार की ओर से चेतावनी पत्र 13 नवंबर को भेजा गया है और काम 15 नवंबर तक पूरा करना है। यानी सिर्फ दो दिन में काम पूरा करना है। पांच जिले डूंगरपुर, भीलवाडा, नागौर, टोंक, बाडमेर और बांसवाडा तो ऐसे है जहां एक हजार से लेकर ढाई हजार तक स्वीकृति बाकी है। वहीं, प्रथम किश्त का वितरण तो हर जिले में बहुत बाकी है। इस मामले में सबसे कम कोटा की है, यहां सिर्फ 90 लाभार्थियों को ही पहली किश्त का भुगतान होना बाकी है।