राजस्थान सीमा पर अटके श्रमिकों का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन में अन्य राज्यों में फंसे रहने के बाद पैदल या फिर अपने स्वयं का वाहन लेकर घर की तरफ लौट रहे लोग विभिन्न कारणों से बड़ी संख्या में राजस्थान की सीमा पर अटक गए हैं। इन लोगों का मामला मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंच गया। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार को जवाब मांगा है। हाईकोर्ट में पेश की गई एक जनहित याचिका में अन्य राज्यों से आ रहे श्रमिकों की समस्या का समाधान करने का आग्रह किया गया। यह याचिका हरिसिंह राजपुरोहित की ओर से एडवोकेट मोतीसिंह ने पेश की है।
न्यायाधीश संगीत लोढ़ा की खंडपीठ के समक्ष याचिका में कहा गया कि स्टेट पोर्टल पर रजिस्टर्ड 19 लाख प्रवासी लोगों की सुरक्षित घर वापसी के लिए लिए चरणबद्ध योजना बनाकर त्वरित गति से उन्हें अपने घर पहुंचाया जाए। मीडिया रिपोर्ट कह रही है कि हाइवे पर हजारों की संख्या में पैदल चलते मजदूर भूखे-प्यासे नंगे पांव चल रहे अपने बच्चों को थामे आगे बढ़ रहे हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
राज्य सरकार ने अन्य राज्यों से निवेदन किया है कि उनकी अनुमति के बगैर किसी को यात्रा पास जारी नहीं किया जाए। बाद में कहा गया कि जिनके पास खुद का वाहन है उन्हें यात्रा करने की अनुमति दी जा सकती है। याचिका में कहा गया कि राज्य की सीमा पर लोगों को ई-पास नहीं होने के कारण रोक दिया गया।
सीमा पर अटके श्रमिकों को खाने-पीने की समस्या हो रही है। वे वहां कैसे अपना ई-पास बनवाएंगे। याचिका में इन श्रमिकों को सरकारी साधनों से घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया। न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार को जवाब मांगा है।