Rajasthan Health Insurance Scheme: 69 वर्षीय वृद्ध रोगी के फेफड़ों से निकाली कैंसर की गांठ
मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के कैंसर सर्जन डॉ. अर्पित जैन ने 69 वर्षीय वृद्ध रोगी के फैंफड़ों से कैंसर की गांठ निकाली।
अजमेर,जागरण संवाददाता। मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर के कैंसर सर्जन डॉ. अर्पित जैन ने 69 वर्षीय वृद्ध रोगी के फेफड़ों से कैंसर की गांठ निकाली। रोगी के फेफड़े में कैंसर का यह बड़ा ऑपरेशन आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मित्तल हॉस्पिटल, अजमेर में निःशुल्क किया गया। रोगी अब पूर्ण स्वस्थ है उसे मित्तल हॉस्पिटल से घर के लिए छुट्टी दे दी गई है।
कैंसर के ऑपरेशनों में फैंफड़े के कैंसर का यह ऑपरेशन सबसे जटिल होता है, क्योंकि दिल से जुड़ी सभी बड़ी खून की नलियां फेफड़े के पास ही होती हैं, भोजन व श्वास की नली तथा आवाज की नस तो दोनों फेफड़ों के बीच स्थित होने से उनको बचाए रखते हुए सर्जरी का जोखिम रहता है।
डॉ. अर्पित जैन और उनकी टीम जिसमें प्रमुख रूप से एनेस्थीसियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव पांडे, नर्सिंग स्टाफ राहुल, भगवान, कमल, आमिर व आसिफ शामिल थे, ने मित्तल हॉस्पिटल के अत्याधुनिक उपकरणों व तकनीक से सुसज्जित ऑपरेशन थियेटर में यह जटिल ऑपरेशन कर बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य किया है। सामान्यतया इस तरह के ऑपरेशन बहुत बड़े चिकित्सा केंद्रों पर ही किए जाते हैं।
रोगी के परिचित रविन्द्र शर्मा के अनुसार पीपलखेड़ा, करौली निवासी 69 वर्षीय मांगी गुर्जर को विगत लम्बे समय से सांस लेने में तकलीफ, छाती व पीठ में दर्द की शिकायत रहती थी। जयपुर में बड़े चिकित्सा संस्थानों में उपचार लिया किन्तु राहत नहीं मिली। मित्तल हास्पिटल, अजमेर में रोगी की आवश्यक जांच कराने पर पाया कि उनके दाएं फेफड़े में छाती से चिपकी हुई गांठ है। रोगी के लिए अच्छी बात यह थी कि कैंसर की इस गांठ का फैलाव शरीर में अन्य हिस्से में नहीं हुआ था। कैंसर सर्जन डॉ. अर्पित जैन ने रोगी के छाती को खोलकर कैंसर वाला भाग अपर लोब (दाएं फेफड़े के सबसे ऊपर वाला हिस्सा) को निकाल दिया। इस सर्जरी में तकरीबन साढ़े पांच घंटे का समय लगा।
निदेशक डॉ. दिलीप मित्तल ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल में सभी सुपरस्पेशियलिटी सेवाओं जैसे हृदयरोग, कैंसर रोग, न्यूरो सर्जरी, गुर्दारोग, पथरी, प्रौस्टेट एवं मूत्र रोग में आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निःशुल्क उपचार उपलब्ध है। कैंसर की दूरबीन से जांच व सभी प्रकार के ऑपरेशन एवं थैरेपी की सुविधाएं भी यहां दी जा रही हैं।
धूम्रपान के शौकीन कराते रहें छाती का एक्स-रे:- डॉ अर्पित
रोगी मांगी गुर्जर को सही समय पर फेफड़े के कैंसर की जानकारी मिलने से उनका उपचार किया जा सका। फेफड़े का कैंसर अमूमन तेजी से पूरे शरीर में फैल जाता है तब उपचार की संभावना कम रह जाती है। इस तरह का कैंसर अत्यधिक तम्बाकू अथवा धूम्रपान सेवन से होता है। धूम्रपान के शौकीन लोगों को हर साल चेस्ट एक्स-रे या लो डोज सीटी स्कैन जांच कराते रहना चाहिए।