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caa protest in rajasathan सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी गहलोत सरकार, याचिका का मसौदा तैयार

caa protest in rajasathan राज्य सरकार सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर करेगी । इससे पहले सीएए के मसले पर पंजाब और केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 04:26 PM (IST)
caa protest in rajasathan सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी गहलोत सरकार, याचिका का मसौदा तैयार
caa protest in rajasathan सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी गहलोत सरकार, याचिका का मसौदा तैयार

नरेन्द्र शर्मा,  राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। अशोक गहलोत सरकार ने इस संबंध में बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी को सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर करने के निर्देश दिए हैं । रविवार को दिनभर राज्य के विधि एवं गृह विभाग के अधिकारी इस संबंध में वरिष्ठ वकीलों के साथ चर्चा करते रहे । सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह में राज्य सरकार सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर करेगी । इससे पहले सीएए के मसले पर पंजाब और केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है । 

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वाद में यह होगा 

सरकारी  सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में पेश किए जाने वाले वाद में सीएए कानून को भेदभाव वाला और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाला बताया जाएगा । संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत यह वाद दायर किया जाएगा । संविधान का अनुच्छेद 131 भारत सरकार और किसी भी राज्य के बीच किसी भी विवाद में सर्वोच्च न्यायालय को मूल अधिकार क्षेत्र देता है । इस वाद में कानून को रद्द करने की मांग की जाएगी ।

गृह एवं विधि विभाग के अधिकारियों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल पांच दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है । उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार राज्य विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए ) राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर  (एनपीआर ) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करा चुकी है । राज्य के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार के ये सभी कानून धार्मिक आधार पर लोगों को विभाजित करते हैं । ये भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से एक विशेष समुदाय को वंचित करते हैं । सीएम गहलोत शुरुआत से ही सार्वजनिक मंचों पर सीएए को पूरी तरह पक्षपाती और भारतीय संविधान के धर्म निरपेक्ष ताने-बाने को तहस-नहस करने वाला असंवैधानिक कानून बताते रहे हैं।

सीएए के खिलाफ देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच गहलोत सरकार का यह निर्णय सियासी हलकों में उबाल आ सकता है। आगामी स्थानीय निकाय चुनाव को देखते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां इसे राजनीतिक मुद्दा बना सकती है । 


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