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Rajasthan: बीटीपी ने गहलोत सरकार से समर्थन वापसी का राज्यपाल को पत्र भेजा

Rajasthan बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि हमारी 17 सूत्री मांगों में से एक भी पूरी नहीं हुई। संकट के समय पार्टी के दोनों विधायकों ने सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन कांग्रेस ने डूंगरपुर में भाजपा के साथ मिलकर जिला प्रमुख बनवा दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 08:28 PM (IST)
Rajasthan: बीटीपी ने गहलोत सरकार से समर्थन वापसी का राज्यपाल को पत्र भेजा
बीटीपी ने गहलोत सरकार से समर्थन वापसी का राज्यपाल को पत्र भेजा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को समर्थन दे रही भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने बुधवार को समर्थन वापसी की घोषणा की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि हमारी 17 सूत्री मांगों में से एक भी पूरी नहीं हुई। संकट के समय पार्टी के दोनों विधायकों रामप्रसाद व राजकुमार रोत ने सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन कांग्रेस ने डूंगरपुर में भाजपा के साथ मिलकर जिला प्रमुख बनवा दिया और बीटीपी के साथ धोखा किया। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार से समर्थन वापसी का पत्र राज्यपाल कलराज मिश्र को भेज दिया गया है। दरअसल, पिछले दिनों हुए जिला प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेताओं ने आपस में सहमति कर बीटीपी का जिला प्रमुख नहीं बनने दिया।

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कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया। इसके तत्काल बाद दोनों विधायकों ने गहलोत सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी थी। लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बुधवार को अधिकारिक घोषणा करते हुए राज्यपाल को पत्र भेजा है। घोघरा ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र को अशांत करने की साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि नगर पािलका व नगर परिषद के आगामी चुनाव में पार्टी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। उन्होंने कहा कि जिन भाजपा नेताओं ने बीटीपी पर नक्सलवाद की ट्रेनिंग लेने का आरोप लगाया था वे साबित करें कि कहां-कहां ट्रेनिंग सेंटर है और कब कितने लोगों ने ट्रेनिंग ली है।

सरकार पर संकट नहीं

बीटीपी के समर्थन वापसी के बावजूद गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं है। 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 105 विधायक हैं। 13 निर्दलीय विधायकों, राष्ट्रीय लोकदल के एक व माकपा के दो विधायकों का उसे समर्थन प्राप्त है। भाजपा के 71 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक सरकार के खिलाफ है। फिलहाल तीन सीटें रिक्त हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में सियासी संकट पिर गहराने की आशंका है। 


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