Rajasthan: बसपा विधायक कांग्रेस में शामिल हुए लेकिन पार्टी की सदस्यता अब तक नहीं ली
करीब 20 दिन पूर्व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक दल का कांग्रेस में विलय करने वाले 6 विधायकों ने अब तक कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण नहीं की है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। करीब 20 दिन पूर्व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक दल का कांग्रेस में विलय करने वाले 6 विधायकों ने अब तक कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण नहीं की है। 16 सितंबर को राजस्थान में बसपा के सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी।
इन सभी 6 विधायकों ने बसपा विधायक दल के कांग्रेस में विलय को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी को पत्र भी सौंपा था, लेकिन ये अब तक कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य नहीं बने है। अब खुद को कांग्रेसी बता रहे विधायक राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब अली, जोगिंदर अवाना, संदीप यादव, दीपचंद खेरिया एवं लाखन सिंह ने ना तो कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की और ना ही वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट से मिले। ये विधायक पिछले दिनों 1 एवं 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में जयपुर में आयोजित हुए प्रदेशस्तरीय कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हुए।
इन कार्यक्रमों में कांग्रेस के सभी विधायकों को बुलाया गया था। लेकिन बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले 6 विधायक इन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए। कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा करने वाले 12 निर्दलीय विधायकों ने भी इन कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी।
सचिन पायलट की बिना जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर कांग्रेस में शामिल होने वाले बसपा विधायकों ने दिल्ली जाकर राज्य के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे से तो मुलाकात की,लेकिन ये अब तक ना तो प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय गए और ना अपने क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताकर्ताओं से मिले।
बसपा विधायकों के इस रूख पर पायलट समर्थक आपत्ति जताने लगे है। पायलट समर्थकों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में बसपा के 6 विधायक निर्वाचित हुए और अब कांग्रेस में शामिल होकर अपनी पसंद से सरकार में काम कराने लगे है, इससे पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं में निराशा पनपने लगी है। पायलट समर्थकों का कहना है कि कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर हारे नेताओं के स्थान पर बसपा विधायकों की सिफारिश पर सरकार में काम हो रहे है।
बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक यह बोले
बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि अशोक गहलोत हमारे नेता है। गहलोत के कहने पर ही हम पार्टी में शामिल हुए है। अन्य किसी नेता से मिलने का कोई मतलब ही नहीं है। वहीं विधायक वाजिब अली का कहना है कि क्षेत्र में व्यस्तता के चलते कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि विधायक दल के विलय के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी लेनी होती है,अब देखेंगे। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तरूण कुमार और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव गिरिराज गर्ग ने कहा कि इन विधायकों को सदस्यता तो लेनी होगी,अब ले लेंगे।