Move to Jagran APP

रणथंभौर नेशनल पार्क में टाइगर का क्षत-विक्षत शव मिला, मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

Tiger. राजस्थान के रणथंभौर राष्ट्रीय अभयारण्य में टाइगर का क्षत-विक्षत शव सड़क पर पड़ा हुआ मिला है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 07:02 PM (IST)
रणथंभौर नेशनल पार्क में टाइगर का क्षत-विक्षत शव मिला, मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट
रणथंभौर नेशनल पार्क में टाइगर का क्षत-विक्षत शव मिला, मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, जयपुर। रणथंभौर राष्ट्रीय अभयारण्य में बुधवार शाम टाइगर "टी-85" का क्षत-विक्षत शव सड़क पर पड़ा हुआ मिला है। पैकमैन नाम से प्रसिद्ध इस बाघ का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। सूत्रों की मानें तो बाघ का शव दो से तीन दिन पुराना हो सकता है, जिस में दुर्गंध आने लगी थी। वन विभाग के एक कर्मचारी को बाघ का शव दिखाई दिया तो उसने उच्च अधिकारियों को सूचना दी। शव पड़ा होने की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर राजबाग चौकी पर रखवाया। जहां उसका वीरवार को पोस्टमार्टम कर दाह संस्कार कर दिया गया। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। बाघ की मौत के कारणों का वन विभाग द्वारा अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया।

loksabha election banner

अंदाजा यह लगाया जा रहा है कि अन्य बाघ से आपसी लड़ाई की वजह से इस टाइगर की मौत हुई है। वन विभाग के अधिकारियों का यह भी मानना है कि दूसरा बाघ टी-20 की लड़ाई में बुरी तरह घायल हुआ होगा। वन विभाग के अधिकारी दूसरे बाघ की तलाश में जुटे हुए है। रणथंभौर मे मछली की बेटी कृष्णा का दूसरे प्रसव के दौरान इस बाघ का जन्म हुआ है था 2014 में बाघ पैकमैन की पहली साइटिंग हुई थी और उस दौरान ये पदम तालाब राजबाग मलिक तालाब के आसपास विचरण करता था। बाद में अपनी स्वतंत्र टेरिटरी बनाने के लिए टाइगर पैकमैन खंडार की ओर विचरण करने लग गया।

गुरुवार शाम जिस तरह बीच सड़क पर बाघ पैकमैन का शव बरामद हुआ, उसमें वन विभाग की पेट्रोलिंग पर सवाल खड़े होना लाजमी बन जाता है। टाइगर का शव तीन दिन पुराना प्रतीत हो रहा है ऐसे में सवाल यह उठता है कि वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा किस तरह की गश्त की जाती है और वन्यजीव की किस तरह की मानिटरिंग की जाती है। बाघ की मौत को लेकर कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली निगरानी को लेकर इसकी जांच के भी सवाल उठने लगे है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.