राजस्थान की विधायक बोलीं-दलित हूं, इसलिए मेरी सुनवाई नहीं होती
राजस्थान की एक महिला विधायक ने आरोप लगाया है कि उसके दलित होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी विधायक कोष की राशि उसे खर्च नहीं करने दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। एससी-एसटी आरक्षण को लेकर मचे बवाल के बीच राजस्थान की एक महिला विधायक ने आरोप लगाया है कि उसके दलित होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी विधायक कोष की राशि उसे खर्च नहीं करने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'मैं दलित हूं इसलिए मेरी सुनवाई नहीं होती है।' वहीं, सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय में शनिवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने के विरोध में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
शनिवार को जमींदारा पार्टी की विधायक सोना देवी बावरी ने श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर में आंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी जहां चाहें, वहां मेरे हस्ताक्षर करवा लेते हैं। उनके सुझाव को प्राथमिकता न देने के साथ कार्यों में भी रोक-टोक की जाती है। उन्होंने विधानसभा में दलितों के कल्याण के लिए बनी समिति पर भी सवाल उठाए। अलबत्ता, श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर ज्ञानाराम ने कहा कि विधायक के सुझाव को प्राथमिकता दी जाती है।
उधर, सवाई माधोपुर में शनिवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई। इसके खिलाफ भुवनेश्वर प्रसाद शर्मा की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें प्रदेश के गृह सचिव और जिला कलेक्टर को पक्षकार बनाया गया है। जिला कलेक्टर केसी वर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन की अनुमति से ही प्रतिमा स्थापित की गई है।
जयपुर के महेश नगर में कॉलोनी के लोगों ने पार्क का नामकरण भगवान परशुराम के नाम पर करने का आवेदन नगर निगम को दिया था, लेकिन शनिवार को नगर निगम प्रशासन ने पार्क का नाम डॉ. आंबेडकर के नाम पर करने की घोषणा कर दी। इसका लोगों ने विरोध किया। महापौर अशोक लाहोटी ने कहा कि क्षेत्रीय पार्षद की सिफारिश पर ही पार्क का नामकरण किया गया है।