Rajasthan: राहुल गांधी की सभा में विरोध की आशंका के चलते काले कपड़े उतरवाए गए
Rajasthan डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम में सोमवार को हुई कांग्रेस की जनसभा में विरोध की आशंका के चलते लोगों को काले रंग के कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं करने दिया गया। महिलाओं और युवतियों के काले रंग के दुपट्टे व स्कार्फ तक उतरवा लिए गए।
बेणेश्वर (डूंगरपुर), नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम में सोमवार को हुई कांग्रेस की जनसभा में विरोध की आशंका के चलते लोगों को काले रंग के कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं करने दिया गया। महिलाओं और युवतियों के काले रंग के दुपट्टे व स्कार्फ तक उतरवा लिए गए। बड़ी संख्या में आदिवासी युवक काली शर्ट पहनकर गए थे, उन्हें भी उतरवाकर जनसभा स्थल से बाहर रखवा लिया गया। पुलिसकर्मी इस बात का विशेष ध्यान रख रहे थे कि कोई भी काले कपड़े या दुपट्टा लेकर जनसभा में प्रवेश नहीं कर सके। लोगों के रूमाल तक की जांच की गई। जनसभा में प्रवेश करने वाले स्थानों पर काले कपड़ों का ढेर लग गया। दरअसल, पुलिस प्रशासन को इस बात की आशंका थी कि भाजपा के राज्यसभा सदस्य डा. किरोड़ी लाल मीणा अपने समर्थकों के साथ विरोध-प्रदर्शन करने जनसभा में पहुंच सकते हैं। मीणा पिछले कुछ दिनों से आदिवासी इलाके में सक्रिय हैं। बेरोजगार युवकों द्वारा भी काले झंडे दिखाए जाने की सूचना थी। इस कारण कोई भी काली कपड़ा लेकर जनसभा स्थल पर प्रवेश नहीं करने दिया गया। उल्लेखनीय है कि पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में भी जनसभाओं में काला कपड़ा लेकर जाने पर रोक थी।
विरोध के डर से काले स्कार्फ-कपड़ों पर रखा वैन
उदयपुर, संवाद सूत्र। राहुल गांधी की सोमवार को आदिवासियों के आस्था केंद्र बेणेश्वर धाम पर रखी कांग्रेस की सभा में काले रंग का खौफ साफ देखा गया। इसके चलते सभा स्थल पर किसी को भी काले रंगे के कपड़े पहनकर जाने की अनुमति नहीं दी। पुलिस प्रशासन ने लड़कियों के काले रंग के दुपट्टे, स्कार्फ के अलावा लड़कों की काले रंग की शर्ट-टी शर्ट तथा रूमाल तक बाहर उतरवा लिए गए। सभा स्थल के प्रवेश द्वार पर महिला और पुरुष सभी की तलाशी लेकर यह सुनिश्चित किया गया कि उनके पास काले रंग का कोई वस्त्र तो नहीं। जिसके चलते मुख्य प्रवेश द्वार के पास की दीवार पर लड़कियों के दुपट्टों तथा अन्य काले रंग के कपड़ों का ढेर लग गया।
राहुल गांधी की बेणेश्वर सभा में बड़ी संख्या में आदिवासी पहुंचे थे। सुबह से ही रैली में पहुंचने वालों का सिलसिला शुरू हो गया था। आम लोगों को एंट्री देने से पहले गेट पर तलाशी ली गई। पार्टी आयोजकों ने पहले से ही यह रणनीति तय कर रखी थी। उन्हें आशंका थी कि भाजपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी राहुल गांधी की सभा में काले कपड़े लहराकर विरोध जता सकते हैं। इसके चलते बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया, ताकि कोई भी व्यक्ति काले रंग का वस्त्र लेकर सभा में नहीं पहुंच पाए। कांग्रेस के बुलावे पर आए कई आदिवासी युवकों को शर्ट उतारकर सभा में जाना पड़ा। कांग्रेस नेताओं को यह भी भय था कि पिछले दिनों भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को उदयपुर जिले में प्रवेश तक की अनुमति नहीं मिली। वह कांग्रेस सरकार के विरोध में लगातार बयान दे रहे थे। कांग्रेस नेताओं को आशंका थी कि मीणा समर्थक भी राहुल की सभा में विरोध जता सकते हैं। हालांकि ऐसा नहीं हुआ।
यह पहली बार नहीं, वसुंधरा की सभा में भी ऐसा हुआ था
उल्लेखनीय है कि आदिवासी क्षेत्र में यह पहली सभा नहीं, जिसमें किसी को काले रंगे के वस्त्र के साथ नहीं जाने दिया। इससे पहले भाजपा जब राज्य में सत्ता में थी और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी, तब भी उनकी सभा में किसी भी व्यक्ति को काले रंग का कपड़ा पहनकर सभा में जाने की अनुमति नहीं मिली।