Rajasthan: PM मोदी की यात्रा से गुर्जर वोट बैंक को साधने की कोशिश में भाजपा, इतनी सीटों पर है समाज का प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में गुर्जर समाज के लोक देवता भगवान देवनारायण के जन्मोत्सव में शामिल होंगे। ऐसे में केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पिछले कई दिनों से अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में गुर्जर समाज के लोक देवता भगवान देवनारायण के जन्मोत्सव में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी यहां सभा को भी संबोधित करेंगे। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी उज्जैन की तर्ज पर देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा कर सकते हैं। भाजपा प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का राजनीतिक लाभ लेने में जुट गई है। करीब दस महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा को प्रधानमंत्री के दौरे से गुर्जर वोटों का राजनीतिक लाभ होने की उम्मीद है।
प्रदेश में 11 लोकसभा एवं 35 से 40 विधानसभा सीटों पर गुर्जर समाज का प्रभाव है। 33 में से 12 जिलों में गुर्जर समाज के लोग रहते हैं। भीलवाड़ा जिले में स्थित देवनारायण मंदिर राजस्थान सहित देश के अन्य नौ राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में रहने वाले गुर्जर समाज का बड़ा आस्था का केंद्र है। भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी में देवनारायण का पनोरमा बनाया गया है।
तैयारियों में जुटे अर्जुन राम मेघवाल
केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पिछले कई दिनों से अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित अन्य नेता भी प्रधानमंत्री की सभा में भीड़ जुटाने के लिए भाजपा ने सांसद एवं चार जिलों के विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। तीन महीने में प्रधानमंत्री का राजस्थान में यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले वे नवंबर में बांसवाड़ा में स्थित आदिवासियों के धार्मिक स्थल बेणेश्वर धाम में आए थे। उन्होंने यहां आदिवसियों को संबोधित किया था। उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गुर्जर समाज के 12 नेताओं को टिकट दिया था, जिनमें से आठ जीते थे। वहीं भाजपा ने नौ गुर्जर नेताओं को प्रत्याशी बनाया था, जिनमें से एक भी चुनाव नहीं जीत सका था।
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इसलिए खास है मालासेरी डूंगरी
माना जाता है कि भीलवाड़ा में आसिंद से पांच किलोमीटर दूर मालासेरी में 111 साल पहले देवनारायण की माता साडू ने यहां पर तपस्या की थी। जिससे खुश होकर भगवान विष्णु ने स्वयं संवत 968 माध माह की सप्तमी को जन्म लिया था। देवनारायण का जन्म मालासेरी डूंगरी की सबसे ऊपरी चोटी पर जमीन फटकर अंदर से निकले कमल के फूल की नाभि में हुआ था। इसीलिए यह मंदिर गुर्जर समाज का आस्था का स्थल है।
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