भाजपाइयों ने सामूहिक दुष्कर्म पर राज्य सरकार को घेरा, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
प्रदेश में सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओं तथा बिगड़ती कानून व्यवस्था से नाराज शहर के भाजपाइयों ने एडीएम प्रथम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
अजमेर,(जेएनएन)। प्रदेश में सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओं तथा बिगड़ती कानून व्यवस्था से नाराज शहर के भाजपाइयों ने एडीएम प्रथम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। भाजपाइयों ने राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में कहा कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था बहुत ही चिंताजनक है।
प्रदेश में गत पांच माह में कांग्रेस के शासन के दौरान घटित आपराधिक घटनाएं, महिला उत्पीडऩ व दुष्कर्म की हृदय विदारक घटनाएं प्रदेश ही नहीं, वरन् पूरे देश को को शर्मसार करने वाली है। प्रदेश में ऐसा कोई शहर व कस्बा नहीं बचा है, जहां इस प्रकार की घटनाओं को अपराधी बेखौफ अंजाम नहीं दे रहे हों।
उदयपुरवाटी में 25 दिन में दस दुष्कर्म की घटनाएं, अलवर थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म की घटना, जोधपुर में महिला शिक्षक पर तेजाब फेंकने की घटना हुई है। इन घटनाओं से जाहिर है कि प्रदेश में सरकार व प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो रखी है। अपराधियों में प्रशासन का भय समाप्त हो चुका है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहू व बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। इसके बावजूूद प्रशासन पंगु बना हुआ है। अलवर के थानागाजी में 28 अप्रेल को हुई घटना हैवानियत व शर्मनाक घटना है। ऐसी घिनौनी घटना के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से 11 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने राज्यपाल से सभी अपराधियों को गिर तार करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने व पीड़ित परिवार को सुरक्षा व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। ज्ञापन के दौरान शहर अध्यक्ष शिवशंकर हेडा, देहात अध्यक्ष बीपी सारस्वत, भाजपा लोकसभा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी, जयकिशन पारवानी, धर्मेश जैन, अनिश मोयल, गोपाल बंजारा, संदीप गोयल, अरविंद गिरधर शर्मा, वनिता जैमन, विक्रम सिंह राठौड़, चन्देश सांखला, विनीत कृष्ण पारीक, मनोज जैमन व रचित कच्छावा आदि मौजूद रहे।
दुष्कर्म की घटना को दबाना शर्मनाक
विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से चुनावी लाभ के लिए पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग कर दुष्कर्म की घटना को दबाना बेहद शर्मनाक है, इसके लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। सामूहिक दुष्कर्म की घटना की एफआईआर तक दर्ज नहीं कर इतने दिनों तक दबाए रखने के पीछे निश्चित रूप से कांग्रेस का राजनैतिक षडय़ंत्र ही था। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है तथा महिलाएं सुरक्षित नहीं है। सामूहिक व दुष्कर्म के आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाना चाहिए तथा उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप