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Rajasthan: वासुदेव देवनानी बोले, अशोक गहलोत ‘चिंतन’ से मुक्त हो गए हो तो विद्यार्थियों की भी चिंता कर लें

Rajasthan राजस्थान में अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा है कि सीएम अगर अशोक गहलोत सरकार ‘कांग्रेस चिंतन’ की चिंता से बाहर आ गई तो प्रदेश के हजारों बच्चों के भविष्य की भी थोडी-बहुत चिंता कर लें।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 06:18 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 06:18 PM (IST)
Rajasthan: वासुदेव देवनानी बोले, अशोक गहलोत ‘चिंतन’ से मुक्त हो गए हो तो विद्यार्थियों की भी चिंता कर लें
वासुदेव देवनानी बोले, अशोक गहलोत ‘चिंतन’ से मुक्त हो गए हो तो विद्यार्थियों की भी चिंता कर लें। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। राजस्थान के भाजपा नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि अगर अशोक गहलोत सरकार ‘कांग्रेस चिंतन’ की चिंता से बाहर आ गई तो प्रदेश के हजारों बच्चों के भविष्य की भी थोडी-बहुत चिंता कर लें। राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड के विद्यार्थियों की परीक्षा माथे पर होने के बाद भी उन तक पाठ्य-पुस्तकें नहीं पहुंचाना राज्य सरकार का गैर-जिम्मेदारना और अक्षम्य कृत्य है, जिसका दुष्परिणाम कांग्रेस और उसकी सरकार को समय रहते भुगतना पड़ेगा। देवनानी ने कहा कि गत साढ़े तीन साल से सरकार न समय पर परीक्षा करा पा रही है और न बेदाग प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजन ही कराने में सफल है। सरकार में बैठे बड़े लोगों की सह पर हर एक प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं। झूठी वाहवाही लूटने के लिए खोले गए राजकीय विद्यालय व महाविद्यालय मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को अब तक भी पाठ्य-पुस्तकें नहीं दिए जाना इसका जीता-जागता प्रमाण है। परीक्षाएं 25 मई से प्रारंभ होनी हैं, जबकि राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल अब तक भी विद्यार्थियों को पुस्तकें नहीं पहुंचा पाया है। सरकार की लापरवाही का खमियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। यह यह प्रदेश का ही दुर्भाग्य है कि पुस्तकें पढ़े बगैर विद्यार्थियों को राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड की परीक्षा देने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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गहलोत सरकार पर साधा निशाना

देवनानी ने कहा कि कांग्रेस और मुख्यमंत्री गहलोत को विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता नहीं है। सरकार नहीं चाहती कि प्रदेश के विद्यार्थी और युवा शिक्षित बनें। विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर कांग्रेस का चिंतन शिविर करना निश्चित ही अपने उद्धेश्य की पूर्ति में सफल सिद्ध नहीं हो सकेगा। वैसे भी कांग्रेस अब कितना भी चिंतन और चिंता कर लें, उसे देश से पूर्ण मुक्त होने से कोई नहीं बचा सकता। कांग्रेस का नेस्तनाबूत होना तय है। देवनानी ने राज्य सरकार से न केवल राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड के विद्यार्थियों को शीघ्र पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराने की मांग की है, बल्कि पुस्तकों की व्यवस्था नहीं किए जाने पर उचित प्लेटफार्म पर सरकार को घेरने की भी चेतावनी दी है।


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