अजमेर, ऑनलाइन डेस्क। भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा की कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की 19 जिलों के गठन और 3 संभाग की घोषणा मात्र आगामी चुनावों में वोटों की फसल काटने तथा अपने असंतुष्ट विधायकों को खुश करने के लिए की गई है। जिलों की घोषणा करने में ना तो जनसंख्या व क्षेत्रफल का ध्यान रखा गया और ना ही आमजन से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं का।

भाजपा नेता ने अशोक गहलोत पर उठाए सवाल

भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में बिना किसी प्रशासनिक सुदृढ़ता व आधारभूत ढांचे के नये जिलों की घोषणा करके महज राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने का ढोंग रचा है। नए जिलों व संभागों की घोषणाएं केवल चुनावी घोषणाएं है, इसके अलावा और कुछ नहीं है।

'घोषणाओं के बारे में भली-भांति जानती हैं जनता'

उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 19 नए जिलों व 3 संभागों की घोषणा को भाजपा ने केवल विधानसभा चुनाव से पूर्व जनता को भ्रम जाल में उलझाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की थोती घोषणाओं के बारे में जनता भली-भांति जानती है। उन्होंने कहा कि नए जिलों की घोषणाएं अवश्य होनी चाहिए परंतु उससे पूर्व नए गठित होने वाले जिलों का संपूर्ण स्वरूप तथा भौगोलिक एवं आर्थिक व सामाजिक स्थितियों को भी मध्य नजर रखना चाहिए, जबकि आनन-फानन में नए जिलों की घोषणाओं के अंतर्गत इन मुख्य विषयों पर ध्यान नहीं दिया गया है।

'राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हुई'

भाजपा नेता ने कहा राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री विकास व सिंचाई आदि योजनाओं की प्रगति की धीमी चाल के लिए हमेशा ही या तो बजट का रोना रोते रहते हैं या फिर केंद्र सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ते रहते हैं, ऐसे में वह 19 नए जिलों के बजट की व्यवस्थाए कैसे करेंगे?

'राज्य की प्रगति होता है सरकार का फर्ज'

रमेश सोनी ने कहा राज्य की प्रगति किसी भी सरकार के लिए प्रथम प्राथमिकता एवं दायित्व होता है, लेकिन इसके लिए बजट तथा कार्य योजना की भी आवश्यकता होती है परंतु यहां तो गहलोत के नुमाइंदों को ही मालूम नहीं है कि जिलों का सीमांकन एवं मूल स्वरूप क्या होगा? रमेश सोनी ने कहा कि प्रत्येक जिले के स्वरूप को डालने के लिए हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा, उस हिसाब से 19 जिलों के लिए 19 हजार करोड़ रुपयों के बजट की व्यवस्था गहलोत कैसे करेंगे, इसका भी उल्लेख किया जाना चाहिए था।

राजस्थान के मुख्यमंत्री पर उठाए सवाल

राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा आगामी चुनावों के मध्य नजर एवं आचार संहिता के जारी होने से पूर्व घोषणाओं का अंबार लगा दिया, जो कि एक विचारणीय पहलू है कि यह कैसे संभव होगा? सभी को इसका इंतजार रहेगा। फिलहाल उन्होंने अपनी सरकार और संगठन की नाकामी को छुपाने की एक शानदार जुगत नए जिलों की घोषणा ओं के रूप में ढूंढ ली। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य के विकास के लिए हमेशा से तत्पर रही है और वह नए जिलों की घोषणाओं के विरोध में नहीं है, लेकिन इसमें जिस प्रकार से आनन-फानन में कार्य किया गया है वह संदेह उत्पन्न करता है।

'राजस्थान में बेरोजगारी की समस्या बढ़ी'

भाजपा नेता ने कहा राजस्थान में बेरोजगारी की समस्या इतनी विकराल है कि युवाओं को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है, उनके लिए रोजगार और नौकरी की व्यवस्थाएं अशोक गहलोत केवल बजट का टोटा बताकर नहीं कर पाते हैं। राजस्थान में रीट के पेपरों के लीक होने की घटनाएं भी युवाओं के लिए अभिशाप ही रही है। गहलोत घोषणाएं करने में एक्सपर्ट तो है परंतु उन्हें यह पता नहीं रहता है कि इसके लिए बजट कहां से आएगा, कई विकास और सिंचाई योजनाओं के कार्य अभी भी आधी-अधूरी स्थिति में पड़े हुए हैं उन पर इनका फोकस नहीं है।

Edited By: Mohd Faisal