Udaipur: महापौर के लिए भाजपा के जीएस टांक और कांग्रेस से अरुण टांक ने भरा नामांकन
Udaipur Mayor. उदयपुर नगर निगम के लिए महापौर के लिए भाजपा के गोविंद सिंह टांक व कांग्रेस के अरुण टांक ने नामांकन भरा।
उदयपुर, जेएनएन। राजस्थान में उदयपुर नगर निगम के लिए महापौर के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से गोविंद सिंह टांक तथा कांग्रेस की ओर से अरुण टांक ने पार्टी नेताओं की मौजूदगी में गुरुवार को नामांकन भरा।
नामांकन से पहले भाजपा पार्षदों की बैठक राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ली। इसके बाद साढ़े ग्यारह बजे कटारिया, भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा तथा भाजपा के अन्य जिला पदाधिकारियों के साथ महापौर के पार्टी प्रत्याशी गोविंद सिंह टांक नगर निगम पहुंचे। जहां उन्होंने अपना नामांकन पत्र भरा।
इधर, कांग्रेस की ओर से दावेदार अरुण टांक ने कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास, शहर जिलाध्यक्ष कृष्ण गोपाल शर्मा, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया एवं अन्य कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों के साथ नगर निगम पहुंचे तथा अपना नामांकन पत्र भरा।
गौरतलब है कि सत्तर सीटों की नगर निगम में भाजपा 44 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर चुकी है। जबकि कांग्रेस को बीस सीट मिली हैं।
भाजपा के टांक की जीत तय
उदयपुर नगर निगम के लिए इस बार भाजपा के गोविन्दसिंह टांक की जीत लगभग तय है। भाजपा के पास बहुमत से चार पार्षद अधिक हैं, जबकि कांग्रेस के पार्षदों की संख्या बीस ही है। कांग्रेस बाकी सभी पार्षदों का समर्थन हासिल कर ले तब भी उसकी संख्या छब्बीस ही रह जाएगी।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने भाजपा के पार्षदों से बात तो नहीं की है, लेकिन अपनी ओर से सूचना अवश्य भिजवाई है कि वह शहर के विकास के लिए कांग्रेस का समर्थन करेंगे तो उनका स्वागत है।
भाजपा ने पार्षदों की बाड़ाबंदी की, मीडिया से बात करने से मना किया
भाजपा ने अपने पार्षदों की बाड़ाबंदी कर रखी है। सभी को तीन अलग-अलग होटल एवं रिसोर्ट में ठहराया गया है। साथ ही सभी भाजपायी पार्षदों को मीडिया से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। भाजपा नेता कटारिया ने सभी पार्षदों को साफ शब्दों में कह दिया है कि वह महापौर का चुनाव होने से पूर्व मीडिया से किसी तरह का संपर्क नहीं रखें। यहां तक पार्षद बने पत्रकार छोगालाल भाई को भी कटारिया ने पाबंद कर दिया है।
यह भी पढ़ेंः समधी को नहीं जिता पाए गुलाब चंद कटारिया, गिरिजा व्यास ने मानी हार