Bird Flu: कोरोना में पक्षियों पर की महामारी से चिंतित सरकार, आमजन को किया जा रहा सतर्क
राजस्थान में कोरोना महामारी का कहर कम होने के बाद अब बर्ड फ्लू का असर बढ़ा है। प्रदेश में अब तक करीब 1200 पक्षियों की मौत हुई है जिनमें 750 कौवे हैं। प्रदेश में अब तक करीब 250 मुर्गियों की भी मौत हुई है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में कोरोना महामारी का कहर कम होने के बाद अब बर्ड फ्लू का असर बढ़ा है। प्रदेश में अब तक करीब 1200 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें 750 कौवे हैं। प्रदेश में अब तक करीब 250 मुर्गियों की भी मौत हुई है। बढ़ते बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए सरकार ने दूसरे राज्यों से लगती सीमा पर सतर्कता बढ़ाने के साथ ही जयपुर में जांच लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है।
पक्षियों पर आए संकट को देखते हुए पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा व सचिव आरूषि मलिक ने जिला स्तर के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया और बर्ड फ्लू को देखते हुए विशष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। कटारिया ने बताया कि भोपाल की तरह जयपुर में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान खोलने का निर्णय लिया गया है। इस बारे में राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है।
उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में एवियन एन्फ्लूएंजा से कौओं सहित अन्य पक्षियों की मौत की घटना को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भरतपुर स्थित केवलादेव बर्ड सेंचुरी, रणथंभौर, सरिस्का अभयारण्य, सांभर झील व अन्य वेटलैंड्स जहां अधिक संख्या में पक्षी मिलते हैं, वहां विशेष निगरानी बरती जाए।
गहलोत ने कहा कि किसी भी पक्षी की मसैत होने पर उसका सैंपल लैब में भेजा जाए और वैज्ञानिक विधि से मृत पक्षियों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लापरवाही बरतने और तय प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर वायरस इंसान को भी प्रभावित कर सकता है।