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Rajasthan: कांग्रेस और भाजपा के लिए हमेशा सिरदर्द रहे हैं भंवर लाल शर्मा, कभी सरकार बचाई तो कभी गिराने में जुटे रहे

Bhanwar Lal Sharman भंवर लाल शर्मा का ऑडियो जारी हुआ है जिसमें वे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व भाजपा नेता संजय जैन से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बातचीत कर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 04:54 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 04:54 PM (IST)
Rajasthan: कांग्रेस और भाजपा के लिए हमेशा सिरदर्द रहे हैं भंवर लाल शर्मा, कभी सरकार बचाई तो कभी गिराने में जुटे रहे
Rajasthan: कांग्रेस और भाजपा के लिए हमेशा सिरदर्द रहे हैं भंवर लाल शर्मा, कभी सरकार बचाई तो कभी गिराने में जुटे रहे

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Bhanwar Lal Sharman: राजस्थान की राजनीति के चर्चित चेहरे भंवरलाल शर्मा ने पिछले 30 साल में तीन बार अलग-अलग भूमिका निभाई है। सात बार विधायक बन चुके भंवरलाल शर्मा का सचिन पायलट के साथ मिलकर अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रहे हैँ। शर्मा का एक ऑडियो भी जारी हुआ है, जिसमें वे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व भाजपा नेता संजय जैन से विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर बातचीत कर रहे हैं। अपने राजनीतिक जीवन में शर्मा ने कभी सरकार बचाई तो कभी गिराने का प्रयास किया। शर्मा ने विधानसभा का पहला चुनाव लोकदल से 1985 में लड़ा और 1990 में वे जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते।

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इस दौरान जनता दल ने स्व.भैरोंसिंह शेखावत की अगुवाई वाली सरकार को समर्थन दिया। इसी दौरान भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा यात्रा के विरोध में शेखावत सरकार में शामिल जनता दल के सात मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए थे। इस पर शर्मा ने स्व.दिग्विजय सिंह के साथ मिलकर नई पार्टी बनाई और शेखावत सरकार को बचाया। शेखावत ने उन्हें इंदिरा गांधी नहर परियोजना मंत्री बनाया। हालांकि यह सरकार साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद बर्खास्त कर दी गई। साल 1993 के नवंबर तक प्रदेश में राष्ट्रपति शासन रहा। दिसंबर1993 में चुनाव हुए तो स्व.शेखावत फिर मुख्यमंत्री बने। लेकिन इस बार शेखावत ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया। इस पर वे बड़े नाराज हुए।

साल 1996 में शेखावत अपने हार्ट का ऑपरेशन कराने (क्लीवलैंड) अमेरिका गए। पीछे से शर्मा ने शेखावत सरकार को गिराने की तैयारी कर ली। उन्होंने करीब एक दर्जन विधायकों को अपने साथ लिया। तत्कालीन राज्यपाल स्व.बलिराम भगत से मुलाकात की। शर्मा उस समय अशोक गहलोत से भी मिले थे। लेकिन गहलोत ने शर्मा का सहयोग करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि शेखावत ऑपरेशन कराने विदेश गए हैं, पीछे से सरकार गिराने का प्रयास करना नैतिकता नहीं है। राजनीतिक जोड़तोड़ में माहिर शर्मा साल 2018 में सातवीं बार विधायक बने हैं। लेकिन उन्हें इस बात का दुख रहा कि कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा होने के बावजूद मंत्री नहीं बनाया गया। अब जैसे ही मौका मिला तो उन्होंने सचिन पायलट के साथ खड़े होकर गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया।

संजय जैन है कई नेताओं व अफसरों का चहेता

एक सप्ताह पहले से अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में जुटे संजय जैन को एसओजी ने हिरासत में लिया है। संजय जैन प्रदेश के चूरू जिले में लूणकरणसर का मूल निवासी है। वह जयपुर में मार्बल व होटल व्यवसाय सहित कई धंधों से जुड़ा हुआ है। संजय जैन कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं के साथ ही आइएएस व आइपीएस अधिकारियों के निकट रहा है। शासन सचिवालय और मंत्रियों के बंगलों में संजय जैन कई बार नजर आता है। 


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