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लोकसभा से पहले कांग्रेस के सामने विधानसभा चुनाव जीतना चुनौती

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को रामगढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव में कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 12:41 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 12:41 PM (IST)
लोकसभा से पहले कांग्रेस के सामने विधानसभा चुनाव जीतना चुनौती
लोकसभा से पहले कांग्रेस के सामने विधानसभा चुनाव जीतना चुनौती

जयपुर, जागरण संवाददाता। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को रामगढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव में कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी की मौत के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। अब इस सीट पर जल्द चुनाव कराए जाने है। कांग्रेस के लिए यह सीट जीतना बेहद जरूरी है। 200 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 99 में है। अगर कांग्रेस यह सीट जीतने में कामयाब होती है तो उसके विधायकों की संख्या बढ़कर 100 हो जाएगी।

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चुनाव में सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के बलबूते कांग्रेस सरकार के सदन में 101 सदस्य हो जाएंगे। इसके साथ ही अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है तो पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साह बना रहेगा। भाजपा यह चुनाव जीतने की कोशिश करेगी,जिससे सरकार को पहले ही दिन से घेरा जा सके। पंचायत उप चुनाव में मिली सफलता से भाजपा में थोड़ा उत्साह बढ़ा है। 10 सीटों पर हुए पंचायत उप चुनाव में भाजपा को 6 और कांग्रेस को 4 सीटें मिली है। इस लिहाज से रामगढ़ का चुनाव बड़ा रोचक होने वाला है।

कांग्रेस और भाजपा के नए चेहरे मैदान में

रामगढ़ से कांग्रेस एवं भाजपा ने नए चेहरे मैदान में उतारे है। कांग्रेस ने यहां से तीन बार विधायक रहे पार्टी के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान की पत्नी साफिया जुबेर खान का मैदान में उतारा है। जुबेर खान पिछले दो चुनाव लगातार हार गए थे। पार्टी ने नए फार्मूले के तहत खान का टिकट काटकर उनकी पत्नी को टिकट दिया है । भाजपा ने भी लगातार दो चुनाव जीतने वाले ज्ञानदेव आहूजा का टिकट काट दिया और लक्ष्मणगढ़ से प्रधान रहे सुखवंत सिंह पर दांव खेला है।

भाजपा के इस निर्णय से आहूजा बागी हो गए थे। हालांकि पार्टी ने प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर उनके विरोध को दबा दिया है। रामगढ़ सीट पर दो बार से लगातार ज्ञानदेव आहूजा जीतते थे। इससे पहले 1998 में भी आहूजा विधायक रहे। लेकिन, इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया। वहीं जुबेर खान भी यहां से कांग्रेस टिकट पर वर्ष 2003, 1993 एवं 1990 में विधायक रहे। पिछले दोनों चुनाव वर्ष 2013 एवं 2008 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जानकारी के अनुसार वर्ष 1951 से 2013 तक हुए 14 चुनावों में भाजपा चार और कांग्रेस ने 10 बार यहां से जीत हासिल की है।

शीघ्र होगी चुनाव की तारीख घोषित

रामगढ़ सीट पर चुनाव की तारीखों का एलान इसी सप्ताह संभव है। राज्य निर्वाचन विभाग ने रिपोर्ट एवं दो से तीन संभावित कार्यक्रम की जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को भिजवा दी है। यहां 19 प्रत्याशी पहले से मैदान में है। सिर्फ बसपा को अपना प्रत्याशी उतारना है। अन्य प्रत्याशी वही मैदान में रहेंगे जिन्होंने पहले अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी का कहना है कि पंचायत उप चुनाव में भाजपा कांग्रेस के मुकाबले आगे रही है। अब रामगढ़ चुनाव भी जीतेंगे और फिर लोकसभा में भी परचम लहराएंगे।  


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