Barmer देश का सबसे बड़ा तेल उत्पादक क्षेत्र बनने की राह पर
Oil in Barmer. साल 2022 में जब बाड़मेर में 5.50 लाख बैरल प्रतिदिन तेल निकलेगा तो इससे केंद्र सरकार को करीब 90 करोड़ रुपये और राजस्थान सरकार को 45 करोड़ रुपये रोजाना मिलेंगे।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान का बाड़मेर प्रदेश की आर्थिक राजधानी बनता जा रहा है। बाड़मेर की रेगिस्तानी धरती में करीब चार अरब बैरल तेज का खजाना है। साल 2022 में जब बाड़मेर में 5.50 लाख बैरल प्रतिदिन तेल निकलेगा तो इससे केंद्र सरकार को करीब 90 करोड़ रुपये और राजस्थान सरकार को 45 करोड़ रुपये रोजाना मिलेंगे। साल 2022 के अंत तक बाड़मेर में करीब 43 हजार 129 करोड़ की रिफाइनरी और छह हजार करोड़ का पेट्रोकेमिकल हब का प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। राज्य पेट्रोलियम विभाग का मानना है कि इसके बाद 2023 से बाड़मेर की धरती से प्रतिदिन 150 करोड़ रुपये अधिक की आमदनी होगी।
वर्तमान में यहां 1.75 लाख बैरल क्रूड ऑयल बैरल का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है। इससे राज्य सरकार को 15 और केंद्र सरकार को 32 करोड़ रुपये प्रतिदिन मिल रहे हैं। प्रदेश के पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया का दावा है कि बाड़मेर आगामी सालों में बॉम्बे हाई को पीछे छोड़ते हुए देश का सबसे बड़ा तेल उत्पादक क्षेत्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि दस साल में एक लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिल चुका है। इसमें 65 लाख करोड़ केंद्र व करीब 34 लाख करोड़ राज्य सरकार को मिले हैं। यहां रिफाइनरी लगने के बाद करीब 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है।
इस तरह बढ़ेगी आमदनी
प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने केयर्न एनर्जी से थार के रेगिस्तान में और अधिक तेल एवं गैस की खोज के लिए कहा है। बाड़मेर के 6500 वर्ग किलोमीटर इलाके में 11 नए ब्लॉक्स में तेल की खोज शुरू की गई है। पेट्रोलियम विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि मंगला की तरह नए खोज में भी बड़ी सफलता मिलेगी। रेगिस्तान में दबे तेल और गैस के भंडार निकालने से देश और प्रदेश को आगामी 50 साल तक जमकर राजस्व मिलेगा। बाड़मेर जिले के ही गुढामालानी क्षेत्र में गैस के 4 ब्लॉक्स मिलने की उम्मीद की जा रही है। राज्य सरकार के पेट्रोलियम अधिकारियों ने बताया कि बीकानेर और जालौर जिलों में भी तेल की खोज की जाएगी। यहां प्रचुर भंडार मिलने की उम्मीद की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि काफी मशक्कत के बाद बाड़मेर में तेल का उत्पादन साल 2009 में शुरू हुआ था। क्रूड ऑयल से बढ़ती आमदनी को देखते हुए राज्य सरकार अधिक सक्रिय हो गई है। प्रदेश के पेट्रोलियम सचिव दिनेश कुमार इनदिनों केयर्न एनर्जी के अधिकारियों के साथ ही सरकारी अफसरों के साथ तेल और गैस की खोज बढ़ाने के प्रयासों में जुटे हैं। गुरुवार को भी उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों के साथ चर्चा की।