कोर्ट पहुंचे बाड़मेर के बहिष्कृत दलित, लगाई सुरक्षा की गुहार
सीमावर्ती बाड़मेर जिले के कालुड़ी गांव के 70 दलित परिवारों के कथित रूप से सामाजिक बहिष्कार के मामले में अब एक नया मोड़ आया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। सीमावर्ती बाड़मेर जिले के कालुड़ी गांव के 70 दलित परिवारों के कथित रूप से सामाजिक बहिष्कार के मामले में अब एक नया मोड़ आया है। दरअसल, पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के बाद से बहिष्कृत दलितों के बीच भय का माहौल है, जिसके चलते उन्होंने कोर्ट से प्रोटेक्शन की मांग की है। इसके अलावा दलितों ने पुलिस को मामले से जुड़े लोगों को गिरफ्तार करने के लिए भी कहा है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी में नामित 15 में से दो आरोपित अब तक गिरफ्तार किए गए है। 16 अगस्त को मेघावाल समुदाय की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। गौरतलब है कि, गांव में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के कारण विवाद शुरू हुआ था। जिसके चलते गांव में राजपुरोहित समाज के दबंगों द्वारा 70 दलित परिवारों का हुक्का पानी बंद कर दिया गया था। पुलिस ने इसमें 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
गांव से बहिष्कृत होने के बाद दलित परिवारों में से ही एक सदस्य दिनेश मेघवाल ने कोर्ट में एप्लिकेशन दर्ज कर प्रोटेक्शन की मांग की है। दिनेश ने कहा, "हमने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत में आवेदन किया है, क्योंकि हमें डर है कि एफआईआर में नामित व्यक्तियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद, हमें उनके रिश्तेदारों द्वारा लक्षित किया जा सकता है।"दलित अधिकार संगठनों की एक टीम ने गांव का दौरा किया और लोगों से बात करने के बाद, कलेक्टर और एसपी को एक ज्ञापन सौंप दिया है।
पुलिस थाना अधिकारी विक्रम सिंह भाटी ने कहा, 'अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गांव की स्थिति शांतिपूर्ण है और हमने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बलों को तैनात किया है।