Rajasthan: अवनी लेखारा को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया
Rajasthan जयपुर की अवनी लेखारा को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। राजस्थान सरकार ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह अभियान चला रखा है। राजस्थान सरकार ने उसे पुरस्कार स्वरूप तीन करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली जयपुर की अवनी लेखारा को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। राजस्थान सरकार ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह अभियान चला रखा है। राज्य सरकार में महिला व बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने बधाई देते हुए कहा कि अभियान की ब्रांड एंबेसडर मनोनीत करते हुए काफी खुशी महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि अवनी के माध्यम से समाज में बेटियों को पढ़ाने व आगे बढ़ाने के लिए सक्षम वातावरण का निर्माण होगा। अवनी ने सोमवार को टोक्यो पैरालंपिक में महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच-1 में पहला स्थान जीता है।
अवनी पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई है। राजस्थान सरकार ने उसे पुरस्कार स्वरूप तीन करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। उधर, राज्य सरकार ने अवनी के साथ ही भाला फेंक में सिल्वर पदक जीतने वाले देवेंद्र झाझड़िया और ब्रांच मेडल पदक जीतने वाले सुंदर गुर्जर की टोक्यो से वापसी पर जोरदार स्वागत करने की योजना बनाई है। खेलमंत्री अशोक चांदना का कहना है कि तीनों खिलाड़ियों ने राज्य का नाम रोशन किया है। ऐसे में तीनों का यहां आने पर भव्य स्वागत किया जाएगा। राजस्थान के तीनों खिलाड़ियों को राज्य वन विभाग में सहायक वन संरक्षक के पद पर पहले ही नियुक्त किया जा चुका है। गहलोत ने ट्वीट में लिखा कि राज्य के खिलाड़ियों ने पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है, हमें उन पर बहुत गर्व है।
अवनी ने सोमवार को इतिहास रच दिया। वह पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं, जिन्होंने आर-दो महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएचएक इवेंट में पोडियम के शीर्ष पर अपनी जगह बनाई। शूटिंग पैरास्पोर्ट में भारत के लिए पहली बार स्वर्ण जीतने के लिए जयपुर की अवनी लेखा को हार्दिक बधाई। महिलाओं की 10 मीटर एआर स्टैंडिंग एसएच1 फाइनल में उनके द्वारा इतिहास रचने के लिए उनका शानदार प्रदर्शन है। पूरे देश को उन पर बहुत गर्व है। यह भारतीय खेलों के लिए एक महान दिन है। दो बार की स्वर्ण विजेता भाला फेंक अनुभवी झाझरिया ने शानदार तीसरा पैरालंपिक पदक जीता, जबकि गुर्जर ने पुरुषों की भाला फेंक एफ46 फाइनल में कांस्य पदक जीता।