ऑस्ट्रेलिया ने भारत में युद्धाभ्यास के लिए पहली बार भेजे अपने विमान, जोधपुर में 13 तक चलेगा 'तरंग शक्ति' का दूसरा चरण
ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक रायल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स ने अभ्यास तरंग शक्ति में भागीदारी के लिए भारत में लड़ाकू विमानों की पहली तैनाती की है। मंगलवार को सुखोई 30 एसकेआइ के साथ अमेरिका के ए 10 और तेजस के साथ ऑस्ट्रेलिया के ईए 18 ने अपने जौहर दिखाए।इसमें भारत के साथ अमेरिका आस्ट्रेलिया ग्रीस श्रीलंका यूएई जापान और सिंगापुर भाग ले रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। ऑस्ट्रेलिया की रायल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स ने वायुसेना के 'तरंग शक्ति-2024' अभ्यास के दूसरे चरण में हिस्सा के लेने के लिए पहली बार अपने लड़ाकू विमानों को भारत भेजा है।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से नंबर छह स्क्वाड्रन से तीन ईए 18 जी ग्रोवर विमान, 120 वायु सैनिकों व अन्य कार्मिकों को जोधपुर भेजा गया है। देश के सबसे बड़े बहुपक्षीय वायु अभ्यास का दूसरा चरण 30 अगस्त से 13 सितंबर तक वायुसेना स्टेशन जोधपुर में आयोजित किया जा रहा है।
इसमें भारत के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, श्रीलंका, यूएई, जापान और सिंगापुर भाग ले रहे हैं। मंगलवार को सुखोई 30 एसकेआइ के साथ अमेरिका के ए 10 और तेजस के साथ ऑस्ट्रेलिया के ईए 18 ने अपने जौहर दिखाए।
लड़ाकू विमान दिखा रहे अपनी ताकत
ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक रायल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स ने अभ्यास 'तरंग शक्ति' में भागीदारी के लिए भारत में लड़ाकू विमानों की पहली तैनाती की है।
अभ्यास में भारतीय वायुसेना के राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर एवं तेजस जैसे विमान तो अमेरिका की ओर से ए 10 थंडरबोल्ट, ग्रीक से एफ 16 फाइटिंग फाल्कन, जापान से मित्सुबिशी एफ 2 सहित दूसरे देशों के विमान साथ मिलकर एयर टू एयर व एयर टू ग्राउंड आपरेशन में क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल स्टीफन चैपल ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए एक शीर्ष स्तरीय सुरक्षा भागीदार है। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से सरकार व्यावहारिक और सहयोग को प्राथमिकता देती है। अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी उन्नत क्षमताओं के प्रदर्शन के लिए है।
तरंग शक्ति अभ्यास का पहला चरण
उधर, ऑस्ट्रेलिया रक्षा विभाग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच हाल के वर्षों में हवाई रक्षा सहयोग में बढ़ोतरी का लाभ लिया है, जिसमें 2018, 2022 और 2024 में अभ्यास पिच ब्लैक में भारतीय वायु सेना के फ्लैंकर्स की मेजबानी भी शामिल है। बता दें कि तरंग शक्ति अभ्यास का पहला चरण अगस्त में तमिलनाडु में पूरा हुआ था। इसमें जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और यूके की वायु सेना शामिल थीं।