Rajasthan: उदयपुर में सहायक वनपाल रिश्वत लेते गिरफ्तार
Assistant Forester Arrested एसीबी ने राजस्थान में उदयपुर जिले के कोटड़ा खंड के मामेर वन क्षेत्र के सहायक वनपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह राशि उसने दो परिवारों के मुखियाओं को वन क्षेत्र में रहने संबंधी प्रमाण पत्र जीपीएस देने के एवज में ली थी।
उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: Assistant Forester Arrested: भ्रष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को राजस्थान में उदयपुर जिले के कोटड़ा खंड के मामेर वन क्षेत्र के सहायक वनपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह राशि उसने दो परिवारों के मुखियाओं को वन क्षेत्र में रहने संबंधी प्रमाण पत्र 'जीपीएस' देने के एवज में ली थी। एसीबी के मुताबिक, नाल महाड़ी के जंगल में वर्षों में परिवार सहित रहने वाले बदा पुत्र अर्जुन गमार तथा गुला पुत्र चंदूरा गमार ने अपने गांव के सचिव से पैतृक मकान को अपने नाम करने का आवेदन दिया था। जहां से उन्हें बताया गया कि इसके लिए उन्हें वन विभाग से जीपीएस रिपोर्ट की प्रति पेश करनी होगी। इसके बाद बदा तथा गुला अपने वन क्षेत्र मामेर के सहायक वनपाल वरदीचंद से मिले तो उसने दोनों से चार-चार हजार रुपये बतौर फीस जमा कराने को कहा। हालांकि बाद में वह 2800-2800 रुपये लेने पर राजी हो गया। सहायक वन पाल ने दोनों लोगों को गुरुवार को अपने कार्यालय बुलाया, जहां रिश्वत की राशि लेते ही उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपित वनपाल को उदयपुर लाया गया है और पूछताछ जारी है।
निशुल्क काम के एवज में वसूले जा रहे चार-चार हजार
भ्रष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी का कहना है कि वन विभाग की ओर से वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बिना किसी शुल्क के जीपीएस प्रमाण पत्र प्रदान करने का प्रावधान है। किन्तु
सहायक वन पाल वरदीचंद इसके एवज में लोगों से चार-चार हजार रुपये की रिश्वत लेता आ रहा था। एसीबी ने उन लोगों से भी पूछताछ की है, जिन्होंने सहायक वनपाल वरदीचंद से जीपीएस रिपोर्ट ली थी। आरोपी वनपाल के खेरवाड़ा स्थित मकान की भी तलाशी ली जा रही है। उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर भी जांच जारी है। पूछताछ के दौरान अहम खुलासा हो सकता है। यह भी पता चल सकता है कि पहले इन्होंने कितने लोगों से रिश्लत ली।