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जोधपुर-जयपुर से लेकर दिल्ली तक बेटे वैभव के लिए आम सहमति बनाने में जुटे गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने की पूरी तैयारी में जुटे है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 02:19 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 02:19 PM (IST)
जोधपुर-जयपुर से लेकर दिल्ली तक बेटे वैभव के लिए आम सहमति बनाने में जुटे गहलोत
जोधपुर-जयपुर से लेकर दिल्ली तक बेटे वैभव के लिए आम सहमति बनाने में जुटे गहलोत

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने की पूरी तैयारी में जुटे है। इसी के तहत उन्होंने पहले वैभव गहलोत को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महामंत्री बनवाया और अब चुनावी मैदान में उतारने में जुटे है। इसके लिए गहलोत जोधपुर से लेकर जयपुर और फिर दिल्ली तक नेताओं में वैभव गहलोत के नाम पर आम सहमति बनाने में जुटे है।

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गहलोत ने पहले सबसे सुरक्षित सीट जालौर-सिरोही से वैभव गहलोत को चुनाव लड़ाने का निर्णय किया,इसके लिए उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधी निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को मनाया। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सर्वानुमति बनवाई। लेकिन अब मुख्यमंत्री ने अपना मानस बदलते हुए वैभव गहलोत को अपने गृह नगर जोधपुर से चुनाव लड़ाने की रणनीति बनाई है। इसी के तहत उन्होंने पहले खुद जोधपुर संसदीय क्षेत्र के प्रमुख नेताओं से बात की और फिर वैभव गहलोत को वहां भेजा।

मुख्यमंत्री ने जोधपुर संसदीय क्षेत्र को लेकर कई स्तर पर सर्वे भी कराया है ।गहलोत के दो विश्वस्त धमेन्द्र राठौड़ और रणदीप धनखड़ पिछले दो माह में आठ से दस दिन तक जोधपुर में रहकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानस टटोल चुके है ।

इसलिए बदला मानस

मुख्यमंत्री ने पहले वैभव गहलोत को जालौर-सिरोही सीट से चुनाव लड़ाने का निर्णय कर लिया था । इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे से चर्चा करने के साथ ही उन्होंने स्क्रीनिंग कमेटी में भी सर्वानुमति बनवा ली थी । लेकिन इसी बीच राज्य की इंटेलिजेंस एजेंसी ने सीएम को बताया कि जोधपुर से वर्तमान भाजपा सांसद और केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सीट बदलकर राजसमंद जाने की तैयारी कर रहे है।

इसके बाद मुख्यमंत्री को लगा कि वैभव गहलोत को चुनाव जीतने में कोई मुश्किल नहीं होगी। जालौर-सिरोही में वैभव गहलोत के बाहरी होने का मुद्दा भी उठ रहा था। वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव लड़वाने के संकेत दो महीने पहले मुख्यमंत्री ने दे दिए थे।

उन्होंने कहा था कि जब वे सीएम थे तब वैभव गहलोत को युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव लड़ने से रोका था। 2009 में वैभव गहलोत को सवाई माधोपुर से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव आया था, तब भी मना कर दिया था। तब हमारा फोकस प्रदेशाध्यक्ष सी.पी जोशी के नेतृत्व में ज्यादा सीटें जीतने पर था। अब वैभव स्वतंत्र है, यदि वह चाहेगा तो चुनाव लड़ सकता है। मेरी तरफ से कोई बंदिश या रोक नहीं है।


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