राजस्थान में तय होगी अधिकारियों की जवाबदेही, फाइल अटकी तो बतानी होगी वजह
Ashok Gehlot. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने जवाबदेही कानून को धरातल पर उतारने के लिए कदम बढ़ा दिया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू किए जाने से पहले ही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 'जवाबदेही कानून' को धरातल पर उतारने के लिए कदम बढ़ा दिया है। राज्य के विधि विभाग ने जवाबदेही कानून को अध्यादेश के जरिये मंजूरी दे दी है। इस संबंध में आधिकारिक आदेश संभवतया रविवार तक जारी हो जाएंगे। इसके बाद अधिकारियों को बताना होगा कि फाइल क्यों रुकी ? पेंशन क्यों रुकी ? सेवा क्यों अटकी ? गली मोहल्ले में बिजली गुल क्यों हुई। जवाबदेही कानून को धरातल पर उतारने वाला राजस्थान संभवतया देश का पहला राज्य बन जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पदभार संभालने के बाद किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, नि:शुल्क दवा योजना और वृद्धवस्था एवं विकलांगों की पेंशन में बढ़ोतरी के बाद अब जवाबदेही कानून को जमीनी धरातल पर उतार दिया है। इससे पहले गहलोत ने अपने पूर्व कार्यकाल में सूचना का अधिकार अधिनियम को देश में सबसे पहले राजस्थान में ही लागू कर इतिहास रचा था। अब सरकारी दस्तावेज बने जनघोषणा पत्र के अहम बिंदु जवाबदेही कानून की ओर कदम बढ़ा कर उन्होंने फिर मील का पत्थर लगाया है। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता का कहना है कि जवाबदेही कानून लागू होने के बाद अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। इसके साथ ही आम लोगों को समयसीमा में सुविधाएं मिल सकेंगी।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जवाबदेही कानून के प्रावधानों की समीक्षा के लिए उच्च अधिकारियों की एक समिति का गठन किया था । इसके बाद राज्य के प्रशासनिक सुधार विभाग ने जनता से सुझाव मांगे थे । उधर, गैर सरकारी संगठन काफी समय से राज्य में जवाबदेही कानून लाने की मांग कर रहे थे । गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक कर जवाबदेही कानून के ¨बदुओं पर मंथन भी किया था ।