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Bird Flu In Rajasthan: अशोक गहलोत बोले, बर्ड फ्लू से पक्षियों के मरने की घटनाओं पर विशेष निगरानी रखें

Rajasthan अशोक गहलोत ने एवियन इन्फ्लूएंजा से कौओं की मौत तथा पक्षियों के मरने की अन्य घटनाओं के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घना बर्ड सेंचुरी विभिन्न अभयारण्य सांभर झील सहित अन्य वेटलैण्डस व तमाम ऐसे स्थान जहां पक्षी अधिक पाए जाते हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 02:56 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 02:56 PM (IST)
Bird Flu In Rajasthan: अशोक गहलोत बोले, बर्ड फ्लू से पक्षियों के मरने की घटनाओं पर विशेष निगरानी रखें
अशोक गहलोत ने बर्ड फ्लू से पक्षियों के मरने की घटनाओं पर विशेष निगरानी रखें। फाइल फोटो

जयपुर, जेएनएन। Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के विभिन्न राज्यों तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) से कौओं की मौत तथा पक्षियों के मरने की अन्य घटनाओं के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि घना बर्ड सेंचुरी, विभिन्न अभयारण्य, सांभर झील सहित अन्य वेटलैण्डस और तमाम ऎसे स्थान जहां पक्षी अधिक पाए जाते हैं, वहां ऐसी घटनाओं पर विशेष निगरानी रखी जाए। किसी भी पक्षी की मौत होने पर उसका सैंपल जांच के लिए लैब में भेजा जाए और वैज्ञानिक विधि से मृत पक्षियों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। गहलोत पांच जनवरी शाम को मुख्यमंत्री निवास पर इस संबंध में पशुपालन, चिकित्सा, वन तथा अन्य संबंधित विभागों के साथ समीक्षा कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश के 16 जिलों में कौओं सहित अन्य पक्षियों के मरने की घटनाएं चिंता का विषय है। इनमें से चार जिलों झालावाड़, कोटा, बारां तथा जयपुर में मृत कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है। इस वायरस की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। पशु चिकित्सक व पक्षी विशेषज्ञ इन घटनाओं का बारीकी से विश्लेषण करने के साथ ही इन्हें रोकने के पर्याप्त इंतजाम रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां पक्षियों से लोगों का विशेष जुड़़ाव रहता है। लापरवाही बरतने तथा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर यह वायरस इंसान को भी प्रभावित कर सकता है। इसे देखते हुए खास सावधानी बरते जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि यदि वे अपने घर की छतों या आस-पास मृत पक्षी को देखें, तो उसे हाथ लगाने के स्थान पर सुरक्षित निस्तारण के लिए सूचना पशुपालन विभाग के द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 0141-2374617 तथा जिलों में स्थापित नियंत्रण कक्षों पर दें। गहलोत ने कहा कि फिलहाल राजस्थान में मुर्गियों में इस रोग के फैलने की कोई सूचना नहीं है। फिर भी पशुपालन विभाग के अधिकारी पोल्ट्री संचालकों को जागरूक करें और विशेष सतर्कता बरतने के लिए प्रेरित करें।

शासन सचिव पशुपालन डॉ. आरूषी मलिक ने बताया कि राजस्थान के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में कौओं में तथा केरल में मुर्गियों में एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आए हैं। केवलादेव अभयारण्य, सांभर झील, खींचन सहित तमाम ऎसे स्थान जहां प्रवासी पक्षी अधिक आते हैं। वहां विशेष सावधानी बरती जा रही है। प्रदेश में अभी तक 625 पक्षियों के मरने की सूचना प्राप्त हुई है, जिनमें 122 के सैंपल भोपाल स्थित प्रयोगशाला में भिजवाए गए हैं। जिनमें से 29 कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि पोल्ट्री संचालकों के साथ बुधवार को वीसी रखी गई है। जयपुर में टेस्टिंग सुविधा विकसित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी जिला कलेक्टरों को भारत सरकार की गाइडलाइन भेजी जा चुकी है।

प्रमुख शासन सचिव वन व पर्यावरण श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि वन विभाग ऐसी घटनाओं को लेकर वन क्षेत्रों में पूरी सतर्कता व चौकसी बरत रहा है। विभाग के कर्मचारी भी पशुपालन विभाग को पूरा सहयोग कर रहे हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्रुति शर्मा, प्रधान मुख्य वन एवं वन्य जीव संरक्षक मोहन लाल मीणा सहित अन्य अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, प्रमुख शासन सचिव पशुपालन कुंजीलाल मीणा, शासन सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन, सूचना व जनसंपर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।


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