जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को पेट्रोल पर 15 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कमी करनी चाहिए। इससे राज्य सरकार के राजस्व में 3500 करोड़ रुपये की कमी आएगी, लेकिन लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकार यह कमी वहन करने को तैयार है। कोरोना महामारी के दौरान राज्य सरकार को 29 हजार करोड़ रुपये का राजस्व कम मिला है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों की मदद नहीं कर रही है। इस कारण राज्यों की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा गई है। रविवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के कारण केंद्र सरकार ने अचानक पेट्रोल और डीजल की कमी कर दी थी। तेल कंपनियों को अनुदान दिया जाना चाहिए।
सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे सलाहकार
उन्होंने कहा कि राज्यों का उत्पाद शुल्क में हिस्सा बढ़ाने के साथ ही जीएसटी में हिस्सा राशि का जल्द भुगतान करना चाहिए। केंद्र रसरकार लंबे समय से जीएसटी की हिस्सा राशि का भुगतान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के मामलों पर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ कांग्रेस 12 दिसंबर को दिल्ली में बड़ी रैली करेगी, इसे महारैली का नाम दिया गया है। महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ होने वाली इस रैली में राजस्थान के 40 हजार कार्यकर्ता शामिल होंगे। एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि सीएम के सलाहकार शहरों और गांवों में जाकर सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे। समीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में रिपोर्ट देंगे। उन्होंने कहा कि सभी तरह के नियम और कानून का अध्ययन करने के बाद ही सलाहकार बनाए गए हैं।
पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट देखी गई, जिसके चलते यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही लोगों को घरेलू बाजार में भी ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों से राहत मिल सकती है। हालांकि जानकारों के मुताबिक फिलहाल वाहन ईंधन के दाम कम नहीं होंगे। उनका कहना है कि ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों से राहत तभी मिलेगी, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में मौजूदा गिरावट कुछ और दिनों तक बनी रहेगी।
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