Move to Jagran APP

Honey Trap: सेना ने जवानों को सचेत किया, हनी ट्रैप में नहीं फंसे

Honey Trap. फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल करने वाले लोग सूचना हासिल करने के लिए सैन्यकर्मियों के साथ संपर्क करने का प्रयास करते हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 07:18 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 07:18 PM (IST)
Honey Trap: सेना ने जवानों को सचेत किया, हनी ट्रैप में नहीं फंसे
Honey Trap: सेना ने जवानों को सचेत किया, हनी ट्रैप में नहीं फंसे

नई दिल्ली, प्रेट्र। सेना ने अपने कर्मियों को 150 ऐसे फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल के खिलाफ सचेत किया है जिनका इस्तेमाल उन्हें हनी ट्रैप में फंसाने के लिए किया जा रहा है। सैन्यकर्मियों से संवेदनशील सूचनाएं लेने के लिए पाकिस्तान सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है। सूत्रों ने गुरुवार को इस आशय की जानकारी दी।

loksabha election banner

सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने सैन्यकर्मियों को एक परामर्श भेजा गया है। उन्हें ट्रैप से सतर्क करने के लिए यह कदम उठाया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल करने वाले लोग सूचना हासिल करने के लिए सैन्यकर्मियों के साथ संपर्क करने का प्रयास करते हैं। वे खुद को सैनिक अधिकारी, पुलिसकर्मी और यहां तक कि महिला के रूप में पेश करते हैं।

अधिकारी ने बताया, 'प्रोफाइल आम तौर पर दो से तीन साल पुराने होते हैं ताकि उनपर संदेह पैदा नहीं हो सके और असली की तरह लगे। इसके बाद वे निशाना बनाना शुरू कर देते हैं।'

बुधवार को राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया। जवान को पाकिस्तान के आइएसआइ के एक एजेंट ने गोपनीय और रणनीतिक सूचनाएं हासिल करने के लिए हनी ट्रैप में फंसा लिया था। उसे फेसबुक और वाट्सएप के माध्यम से निशाना बनाया गया था।

पकड़े गए सेना के जवानों ने कुबूला-आइएसआइ को दीं हैं अहम जानकारियां

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ (इंटर सर्विसेस इंटेलीजेंस) के हनीट्रेप में आए सेना के दो जवानों ने पूछताछ में कुबूला कि उन्होंने डेढ़ साल में सामरिक महत्व से जुड़ी कई सूचनाएं उन तक पहुंचाई हैं। दोनों जवानों ने पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1070 किलोमीटर लंबी सीमा के बारे में जानकारी आइएसआइ को दी। गौरतलब है कि दोनों जवानों को मंगलवार को जोधपुर में पकड़ा गया था। पूछताछ में पता चला कि दोनों जवानों ने बीएसएफ की सीमा चौकियों, जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में जवानों की तैनाती, थल सेना और वायुसेना के युद्धाभ्यास, सेना के पास मौजूद हथियारों सहित कई सूचनाएं आइएसआइ को साझा की थीं।

पुलिस ने दोनों जवानों को पकड़ तो लिया, लेकिन अधिकारिक रूप से ओडिशा निवासी कुक विचित्र बोहरा की गिरफ्तारी ही दिखाई है। उसके दूसरे साथी जवान मध्य प्रदेश निवासी लांस नायक रवि वर्मा से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ पूरी होने के बाद ही अधिकारिक तौर पर उसकी गिरफ्तारी दिखाई जाएगी।

पाकिस्तान से बैंक खातों में जमा कराई गई रकम

राजस्थान इंटेलिजेंस ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि गुप्तचर एजेंसियों ने पक्की सूचना के बाद दोनों जवानों पर निगरानी रखी और फिर उन्हें जोधपुर रेलवे स्टेशन से पकड़ लिया। दोनों के बैंक खातों में कुछ रकम पाकिस्तान की तरफ से जमा होने की बात भी सामने आई है । इंटेलिजेंस एजेंसी बैंक खातों की जांच में जुटी हैं।

इंटरनेट कॉलिग पर होता था संपर्क

इंटेलिजेंस अधिकारियों की पूछताछ में दोनों जवानों ने बताया कि वह फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तान की एक महिला के संपर्क में आए थे । पहले फेसबुक पर दोस्ती हुई उसके बाद वॉट्सएप और इंटरनेट कॉलिंग से बातें होने लगीं। महिला आइएसआइ के लिए काम करती थी। महिला ने तकनीक का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान में रहते हुए भारतीय नंबरों से जवानों को इंटरनेट कॉल की।

दोनों जवान भारतीय नंबर देख महिला के जाल में फंस गए। इसके बाद महिला दोनों के जरिये सेना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित करती रही । दोनों जवानों के बीच गहरी दोस्ती भी है। जवानों ने इंटेलिजेंस अधिकारियों को बताया कि महिला बातचीत में कई बार पंजाबी शब्दों का उपयोग करती थी। मिश्रा ने बताया कि दोनों जवान पोकरण फील्ड फायरिग रेंज में सेना की 12 गा‌र्ड्स में तैनात थे ।

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.