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pehlu khan lynching: पहलू खान मामले में हाईकोर्ट में पत्नी और बेटे ने पेश की अपील

pehlu khan lynchingपहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपितों को अलवर अपर एवं जिला सत्र न्यायालय द्वारा बरी करने के फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील दायर की गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 11:50 AM (IST)
pehlu khan lynching: पहलू खान मामले में हाईकोर्ट में पत्नी और बेटे ने पेश की अपील
pehlu khan lynching: पहलू खान मामले में हाईकोर्ट में पत्नी और बेटे ने पेश की अपील

जयपुर, जागरण संवाददाता। pehlu khan lynching, देश के चर्चित पहलू खान मॉब (उन्मादी हिंसा) लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपितों को अलवर अपर एवं जिला सत्र न्यायालय (एडीजे) द्वारा बरी करने के फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील दायर की गई है। पहले अशोक गहलोत सरकार ने इस मामले की फिर से जांच कराने और हाईकोर्ट में अपील दायर करने की घोषणा की थी।

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राज्य सरकार द्वारा अपील दायर नहीं किए जाने के बाद अब पहलू खान के परिवार ने ही हाईकोर्ट में अपील दायर की है। पहलू खान की पत्नी जयबुना और बेटे इरफान की ओर से यह अपील वकील नासिर अली नकवी ने पेश की। अपील में अलवर एडीजे कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए फिर से ट्रायल की अपील पेश की है। अब हाईकोर्ट इस अपील को स्वीकार कर ट्रायल की अनुमति देगा। सरकार की तरफ से भी इस मामले में अतिरिक्त महाअधिवक्ता पक्ष रखेंगे।

यह है पूरा मामला

1 अप्रैल, 2017 को पहलू खान अपने दो बेटों इरफान और आरिफ के साथ जयपुर के पशु हटवाड़े से गोवंश खरीदकर हरियाणा के नूंह स्थित अपने घर ले जा रहा था। इसी दौरान जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीड़ ने उसे गोतस्कर समझ कर रोक लिया। भीड़ ने पहलू खान और उसके दोनों बेटों के साथ मारपीट की थी। भीड़ की पिटाई से घायल हुए पहलू खान को बहरोड़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

पुलिस में उस समय दो एफआईआर दर्ज हुई थी। एक एफआईआर पहलू खान पर हमला करने वाली भीड़ के खिलाफ दर्ज हुई और दूसरी पहलू खान,उसके दोनों बेटों एवं जिस ट्रक में गोवंश ले जाया जा रहा था उसके चालक खान मोहम्मद के खिलाफ दर्ज हुई।

पुलिस ने एफआईआर में पहलू खान को गोतस्करी का आरोप लगाया। अलवर पुलिस ने 24 मई,2017 को राजस्थान गोजातीय पशु अधिनियम,1995 के तहत तीन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट एडीजे कोर्ट में पेश की थी । पहलू खान की मौत हो चुकी थी इसलिए इसमें उसका नाम शामिल नहीं था। हालांकि उसका नाम चार्जशीट की समरी में था। इस मामले में 47 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए थे। लंबी सुनवाई के बाद एडीजे कोर्ट ने इसी साल 7 अगस्त को सुनवाई पूरी कर ली थी।

सुनवाई पूरी होने के बाद एडीजे कोर्ट की जज डॉ.सरिता स्वामी ने फैसला सुनाते हुए सभी छह आरोपितों विपिन यादव, रविंद्र कुमार, कालूराम, दयानंद, भीमराठी और योगेश कुमार को सबुतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। आरोपितों को बरी किए जाने के बाद मेव समाज के दबाव और राजनीतिक परिस्थितियों के चलते सीएम अशोक गहलोत ने इस मामले में फिर से जांच कराने एवं हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही थी। 


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