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अब रात के अंधेरे में भी दुश्मनों के टैंक कर देंगे ध्वस्त

टैंक भेदी स्वदेशी मिसाइल हेलिना के अपग्रेड वर्जन का रविवार को पोखरण में सफल परीक्षण किया गया। साल के अंत तक यह सेना में शामिल हो जाएगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 02:00 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 07:23 PM (IST)
अब रात के अंधेरे में भी दुश्मनों के टैंक कर देंगे ध्वस्त
अब रात के अंधेरे में भी दुश्मनों के टैंक कर देंगे ध्वस्त

जागरण संवाददाता, जयपुर। अब दुश्मनों के टैंक को रात के अंधेरे में भी ध्वस्त किया जा सकेगा। दरअसल, टैंक भेदी स्वदेशी मिसाइल हेलिना के अपग्रेड वर्जन का रविवार को पोखरण में सफल परीक्षण किया गया। साल के अंत तक यह सेना में शामिल हो जाएगी। इसकी खूबी यह है कि यह रात में भी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। राजस्थान के जैसलमेर जिले की पोखरण फायरिंग रेंज में रविवार को एंटी टैंक स्वदेशी मिसाइल हेलिना के अपग्रेड वर्जन का सफल परीक्षण किया गया। नाग श्रेणी की इस मिसाइल को लड़ाकू हेलीकॉप्टर से दागा गया।

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पांच से आठ किलोमीटर रेंज की इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। इसे फायर एंड फॉरगेट (दागो और भूल जाओ) का दर्जा प्राप्त है। इस साल के अंत तक इस मिसाइल को सेना में शामिल कर लिया जाएगा। हेलिना का तीन साल पहले भी परीक्षण किया गया था, लेकिन तब यह तीन में से दो लक्ष्य ही भेद पाई थी। इसके बाद इसमें कुछ और सुधार किए गए। इस बार इसने अपने दोनों लक्ष्यों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। अब इसे विकसित करने और परीक्षण का काम पूरा हो गया है। अब यह सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। मिसाइल के सफल परीक्षण पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सेना और परीक्षण से जुड़ी विंग को बधाई दी है।

चार तरह की हैं नाग मिसाइल
नाग मिसाल की चार श्रेणी हैं। इनमें से नेमिका जंगी जहाज से दागी जाती है। हेलिना हेलिकॉप्टर से और दो अन्य कैटेगरी की मिसाइल एयरक्राफ्ट और कंधे पर रखकर दागी जा सकती हैं। पीछा करके टैंक को कर देती है तबाहहेलना मिसाइल इमेज के जरिये संकेत मिलते ही लक्ष्य को भांप लेती हैं। दुश्मन के टैंक का पीछा करते हुए उसे तबाह कर देती हैं। इसका वजन मात्र 42 किलोग्राम होता है। हल्की होने की वजह से इसे पहाड़ी या एक जगह से दूसरी जगह मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल से ले जाया जा सकता है।

यह रात में भी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकती हैं। इस मिसाइल को 10 साल तक बिना किसी रख-रखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है। यह अपने साथ आठ किलोग्राम विस्फोटक भी ले जा सकती है। 230 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से यह अपने लक्ष्य पर प्रहार करती है। इसे विकसित करने में अब तक 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट खर्च हो चुका है।
 


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