Rajasthan: उदयपुर की अन्नपूर्णा और परीक्षित का यूनेस्को की वर्ल्ड टीनएजर्स पार्लियामेंट में चयन
Rajasthan यूनेस्को की वर्ल्ड टीन पार्लियामेंट के लिए राजस्थान में उदयपुर की बेटी अन्न्पूर्णा और बेटा परीक्षित का चयन हुआ है। इनका चयन दुनिया के उन 72 हजार टीन एजर्स में से हुआ है जिन्हें यूनेस्को की किशोर संसद में अपना विचार प्रगट करने का मौका मिलेगा।
उदयपुर, संवाद सूत्र। यूनेस्को की वर्ल्ड टीन पार्लियामेंट (विश्व किशोर संसद) के लिए राजस्थान में उदयपुर की बेटी अन्न्पूर्णा और बेटा परीक्षित का चयन हुआ है। इनका चयन दुनिया के उन 72 हजार टीन एजर्स में से हुआ है, जिन्हें यूनेस्को की किशोर संसद में अपना विचार प्रगट करने का मौका मिलेगा। टीन पार्लियामेंट अगले साल जनवरी तक चलेगी और उसमें कुल 12 सत्र आयोजित होंगे। अन्नपूर्णा और परीक्षित दोनों ही उदयपुर के एक ही निजी स्कूल के स्टूडेंट्स हैं। उदयपुर शहर का परीक्षित शर्मा कक्षा 10वीं का छात्र हैं जबकि अन्नपूर्णा उदयपुर के कानोड उप तहसील के लूणदा गांव की रहने वाली है। वर्ल्ड टीन पार्लियामेंट के लिए पिछले साल जुलाई में आवेदन निकाले गए थे। थीम थी दुनिया को कैसे सुधारा जा सकता है। इस थीम पर टीनएजर्स को वीडियो अपलोड करने को कहा गया था। इसके लिए विश्व भर से करीब 72 हजार किशोरों के आवेदन आए थे। इसमें दुनियाभर के करीब 72 हजार टीनएजर्स ने अपने वीडियो अपलोड किए। पूरी दुनिया से पहले 300 बच्चों को चुना गया। इसके बाद जोनल लाइन वोटिंग के जरिए टाप-200 का सलेक्शन किया गया। इसमें अन्नपूर्णा भी शामिल हैं। टीन पार्लियामेंट में अब 100 एमपी व 100 इन्फ्लूएंसर एमपी बनाए जाएंगे। ये दुनियाभर के मुद्दों पर संसद की तरह बहस करेंगे और समाधान पर चर्चा करेंगे।
किसान की बेटी है अन्नपूर्णा
कानोड़ क्षेत्र लूणदा गांव की 17 वर्षीय अन्नपूर्णा कृष्णावत का चयन टीन इन्फ्लुएंसर कैटेगरी में हुआ हैं। यूनेस्को के लिए अन्नपूर्णा ने भारतीय राजनीति में शिक्षा और नेताओं पर होने वाले खर्च से जुड़े विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने डिजिटल वर्किंग को बढ़ावा देने के साथ खर्चों को सीमित करने की बात कही थी। अन्नपूर्णा के पिता कल्याण सिंह किसान हैं, जबकि मां घरेलू महिला है।
ये कहा था अन्नपूर्णा ने
अन्नपूर्णा ने डिजिटल वर्किंग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया था। उसका कहना था कि पेपरलेस वर्क को प्रमोट किए जाने की जरूरत है। डिजिटल मीटिंग के जरिए मंत्रियों-नेताओं के होटल में रुकने और आने-जाने में लगने वाला पैसा और समय बचेगा। इस पैसे को सही जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। अन्नपूर्णा ने कैबिनेट में चुने जाने वाले मंत्रियों के तरीके पर भी सवाल उठाया। उसने कहा कि कैबिनेट मिनिस्टर चुने जाने आधार विभागीय नालेज होनी चाहिए। अन्नपूर्णा के अनुसार जो व्यक्ति मंत्री पद संभाले, उसे अपने विभाग के बारे में पूरी जानकारी और क्षेत्र से संबंधित नालेज होनी चाहिए। जैसे शिक्षा मंत्री बेहतर शिक्षित होना चाहिए, चिकित्सा मंत्री किसी पूर्व चिकित्सक या साइंस से जुड़े व्यक्ति को बनाना चाहिए। अन्नपूर्णा ने शिक्षा नीति में बदलाव का तर्क दिया। उसने कहा कि मौजूदा शिक्षा नीति पढ़ाई करने तथा डिग्री लेने के साथ कुछ काम करके पैसा कमाने तक का है। जबकि शिक्षा का अर्थ पैसा कमाना ही नहीं, बल्कि ज्ञान कमाना होना चाहिए। अन्नपूर्णा ने हर व्यक्ति को आवास तथा हर नागरिक की सुरक्षा पर जोर दिया। उसने कहा कि देश स्वच्छ और स्वस्थ्य होना चाहिए।
परीक्षित लिख रहे हैं कोविड महामारी पर पुस्तक
15 साल के परीक्षित शर्मा ने तीन साल पहले अमेजन पब्लिकेशन के लिए ‘डिफेंडर आफ यूनिवर्स एंड क्वेस्ट फार वारियर्स बाल्स’ किताब लिखी थी। इस बार महामारी का अध्ययन करते हुए कोविड पर किताब लिखने की तैयारी है। परीक्षित शर्मा के पिता प्रह्लाद शोध वैज्ञानिक है।
राजस्थान से पांच स्टूडेंट्स का हुआ है चयन
राजस्थान से पांच स्टूडेंट का चयन किया गया है। इनमें जयपुर से युवराज साहू, अक्षिता सक्सेना, भव्यांक्षी दुग्गल और उदयपुर से परीक्षित और अन्नपूर्णा शामिल हैं। संसद सदस्य के तौर पर परीक्षित और टीन इन्फ्लुएंसर कैटेगरी में अन्नपूर्णा का चयन किया गया है।