Rajasthan: अधिकारियों से नाराज सीएम अशोक गहलोत फ्लैगशिप योजनाओं की करेंगे समीक्षा
One Year Of Gehlot Government In Rajasthan. मुख्यमंत्री सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने में बरती जा रही शिथिलता से खुश नहीं है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। One Year Of Gehlot Government In Rajasthan. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार 17 दिसंबर को एक साल का कार्यकाल पूरा करेगी। एक साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले गहलोत एक्शन मोड में आ गए हैं। मुख्यमंत्री सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने में बरती जा रही शिथिलता से खुश नहीं है। इसी को लेकर अब वे प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स से अब सीधा संवाद कर फीडबैक लेंगे। मुख्यमंत्री पांच दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिला कलेक्टर्स से सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति का रिपोर्ट कार्ड लेंगे।
वीडियो कॉफ्रेंसिंग में सभी जिला कलेक्टर्स से मुख्यमंत्री जन सुनवाई में प्राप्त परिवादों के निस्तारण की प्रगति की जानकारी हासिल करेंगे। इस दौरान राजस्थान संपर्क पोर्टल 181 में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की भी समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री सभी जिला कलेक्टर्स से जिले की महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की प्रगति का ब्यौरा भी लेंगे। प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार गहलोत राज्य सरकार की महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री निशुल्क जांच/दवा योजना, एक रुपये किलो गेहूं, वृद्ध/विकलांग/विधवा पेंशन योजना और पालनहार योजना की प्रगति का फीडबैक प्रमुखता से जिला कलेक्टर्स से लेंगे।
उल्लेखनीय है कि फ्लैगशिप योजनाओं की धीमी प्रगति पर पहले भी मुख्यमंत्री नाराजागी जता चुके हैं। मुख्यमंत्री गहलोत का फोकस फ्लैगशिप योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने पर है। इसके लिए वे लगातार फीडबैक लेते रहते हैं। इन योजनाओं और चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किए गए बिंदुओं को अमली जामा पहनाने के लिए कई बार अधिकारियों को इधर-उधर किया जा चुका है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को अहम पदों से हटाकर कम महत्व वाले पदों पर बिठा दिया गया है ।
मंत्रियों को परिणाम देने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने मंत्रियां को निर्देश दिए कि चुनाव घोषणा-पत्र में किए गए वादों को पूरा करने को लेकर निरंतर निगरानी रखें। अपने-अपने विभागों से जुड़े वादों को किस हद तक पूरा किया जा चुका है और किन पर अभी काम चल रहा है, इसकी प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में नियमित रूप से भेजने के लिए कहा गया है। इसके साथ मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों के माह में एक बार दौरे करने और जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों के निवारण का रिकॉर्ड भी तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजने के लिए कहा गया है।