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Jaipur Literature Festival 2020: बिजली, पानी सब फ्रीे देेंगे तो पांच साल बाद बचेगा क्याः अमिताभ कांत

Amitabh Kant. अमिताभ कांत ने कहा कि देश के आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के लिए राज्यों को भी अपनी विकास दर बढ़ानी होगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 03:33 PM (IST)
Jaipur Literature Festival 2020: बिजली, पानी सब फ्रीे देेंगे तो पांच साल बाद बचेगा क्याः अमिताभ कांत
Jaipur Literature Festival 2020: बिजली, पानी सब फ्रीे देेंगे तो पांच साल बाद बचेगा क्याः अमिताभ कांत

जयपुर, जेएनएन। Amitabh Kant. नीति आयाोग के सीईओ अमिताभ कांत का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे मुख्यमंत्रियों को सोचना चाहिए कि यदि हम बिजली, पानी सब कुछ फ्री देेंगे तो पांच साल बाद हमारे पास बचेगा क्या। सब कुछ फ्री मत दीजिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से दी जााने वाली सहायता राज्यों को उनके प्रदर्षन के आधार पर देनी चाहिए।

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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इन्केडिबल इंडिया 2.0 विषय पर आयोजित सत्र में मोहित सत्यानंद के साथ बातचीत में अमिताभ कांत ने कहा कि देश के आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के लिए राज्यों को भी अपनी विकास दर बढ़ानी होगी। हम संघीय व्यवस्था में रहते है और राज्यों की विकास दर बढ़ेगी तो देश की विकास दर अपने आप बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत को विकास के लिए छलांग लगानी है तो डिजिटल तकनीक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करना होगा। दुनिया में सबसे ज्यादा बायोमैट्रिक रिकार्ड हमारे पास है। सबसे ज्यादा मोबाइल कनेक्शन हमारे पास हैं और हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

अमिताभ कांत ने बिजली कंपनियों और रेलवे के निजीकरण की वकालत भी की और बिजली के मामले में हमें आगरा, कानपुर जैसे उदाहरणों से सीखना चाहिए, जहां बिजली का वितरण निजी क्षेत्र में जाने के बाद चोरी बहुत कम हो गई है। बेरोजगारी के लिए अमिताभ कांत ने कहा कि यह बड़ी समस्या है, लेकिन नौकरी मांगने वाला नहीं हमें नौकरी देने वाला बनना होगा। 

वहीं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक ऐसी 'चिंगारी' है जो लगता है बुझ गई, लेकिन फिर पता नहीं कहां से सुलग जाती है। महात्मा गांधी एक विचार के रूप में कभी खत्म नहीं हो सकते। वे अपनी मौत के बाद ज्यादा प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हो गए हैं।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शुक्रवार को गांधीजी पर आयोजित सत्र 'गांधी इन अवर टाइम्स' में जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) के प्रो. मकरंद परांजपे, लेखिका तलत अहमद, फिल्मकार रमेश शर्मा ने मानवाधिकार कार्यकर्ता रूचिरा गुप्ता के साथ बातचीत में महात्मा गांधी के जीवन से जु़ड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के दौरान ये बातें कहीं।

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