Rajasthan: कंपनियों और संस्थाओं को 50 एकड़ से अधिक जमीन का आवंटन मंत्रिमंडल स्तर पर होगा
राजस्थान उद्यम एकल खिड़की कानून के तहत प्राप्त जमीन आवंटनों के आवेदनों का निस्तारण बोर्ड ऑफ इंवेस्टमेंट की सिफारिश पर सक्षम प्राधिकारी की ओर से किया जाएगा। सिंगल विंडो के तहत औद्योगिक आवंटन या बड़ा निवेश करने वाली कंपनियों के जमीन आवंटन के मामले आते हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में प्राइवेट कंपनियों और संस्थाओं को अब 50 एकड़ से अधिक जमीन का आवंटन मंत्रिमंडल स्तर पर होगा। इंडस्ट्री विभाग के स्तर पर अब 50 एकड़ से ज्यादा जमीन का आवंटन नहीं हो सकेगा। अभी तक विभागीय स्तर पर इनके लिये जमीन आवंटन के फैसले होते आए थे, लेकिन अब व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। इसके लिए मंत्रिमंडल सचिवालय ने एक परिपत्र जारी कर यह प्रावधान किया है। इसके साथ उच्च शिक्षा से जुड़े मामले भी सीएम के सामने रखने होंगे।
राजस्थान उद्यम एकल खिड़की कानून के तहत प्राप्त जमीन आवंटनों के आवेदनों का निस्तारण बोर्ड ऑफ इंवेस्टमेंट की सिफारिश पर सक्षम प्राधिकारी की ओर से किया जाएगा। सिंगल विंडो के तहत औद्योगिक आवंटन या बड़ा निवेश करने वाली कंपनियों के जमीन आवंटन के मामले आते हैं। निवेशकों के जमीन आवंटन के आवेदनों का निस्तारण बोर्ड ऑफ इंवेस्टमेंट के स्तर पर होगा।
मंत्रिमंडल सचिवालय ने पूर्व के जारी नियमों में संशोधन करते हुए नया परिपत्र जारी किया है। राज्य सरकार के स्तर पर नई शैक्षणिक संस्था या अन्य संस्था खोलने की मंजूरी देने से पहले मामले को सीएम के सामने रखना अनिवार्य होगा। इसके अलावा विद्यमान संस्था के पुनर्गठन से संबंधित मामले, निजी महाविद्यालय खोलने, उनमें सीट बढ़ाने, नए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने और उनमें सीट बढ़ाने के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र स्वीकृति से संबंधित मामले भी मुख्यमंत्री के सामने रखने होंगे।
निजी महाविद्यालय की ओर से स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स की फीस बढ़ाने और एनआरआई सीट बढ़ाने से संबंधित मामले भी मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत करने होंगे ।