पुलिस कर्मियों ने बोगस ग्राहक बनकर पकड़ी पांच करोड़ रुपए की नशीली दवाएं, अजमेर पुलिस ने बरामद किए 110 कार्टन
अजमेर पुलिस ने शहर के रामगंज और अलवर गेट क्षेत्र से प्रतिबंधित नशीली दवाइयों के 110 कार्टन बरामद किए हैं इनकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपए बताई जा रही है। अजमेर स्पेशल शाखा पुलिस की इस तरह की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।
अजमेर, जेएनएन। अजमेर पुलिस ने शहर के रामगंज और अलवर गेट क्षेत्र से प्रतिबंधित नशीली दवाइयों के 110 कार्टन बरामद किए हैं, इनकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपए बताई जा रही है। अजमेर स्पेशल शाखा पुलिस की इस तरह की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद शर्मा ने बताया कि पुलिस की स्पेशल शाखा के पुलिस कर्मियों ने बोगस ग्राहक बनकर नशीली दवाइयों की गैर कानूनी तरीके से बिक्री करने वालों से संपर्क किया। पुलिसकर्मियों की मुलाकात कमल और मुकेश नाम के व्यक्तियों से हुई।
इन दोनों व्यक्तियों ने ही बताया कि अलवर गेट थाना क्षेत्र के नागबाई इलाके में एक किराये के मकान में नशीली दवाएं रखी हुई हैं। ऐसी ही दवाएं रामगंज क्षेत्र में भी बताई गई। पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए दोनों स्थानों से दवाओं के 110 कार्टन जब्त किए। इन दवाओं की कीमत करीब पांच करोड़ रुपए आंकी जा रही है। इस मामले में कमल और मुकेश नाम के दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। कमल पूर्व में गोटा, मोती आदि के सामानों की बिक्री का काम करता था।
पुलिस अब ये पता लगा रही है कि एक जून को जब्त किया गया माल किस कंपनी से सप्लाई हुआ था। पूर्व में अजमेर और जयपुर में जो 11 करोड़ रुपए की नशीली दवाइयां जब्त की गई वे सभी उत्तराखंड स्थित हिमालय मेडीटेक कंपनी के द्वारा सप्लाई की गई थी। यह माल जयपुर की फर्म राम्या इंटरप्राइजेज के पास आया था, इस फर्म से ही यह माल गैर कानूनी तरीके से अजमेर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक गोदाम पर पहुंचा था। इस माल को लेकर पुलिस ने स्टेशन रोड स्थित विनायक मेडिकल स्टोर पर जांच पड़ताल की कार्यवाही की थी।
इस कार्यवाही के बाद से ही स्टोर के मालिक श्यामसुंदर मूंदड़ा, कमल मूंदड़ा और लक्ष्मीकांत मूंदड़ा की पुलिस को तलाश है। लेकिन अभी तक भी मूंदड़ा बंधुओं का कोई सुराग नहीं मिला है। इस बीच अजमेर में और पांच करोड़ रुपए की नशीली दवाएं जब्त की गई है। ये दवाएं भी पूर्व की तरह ट्रामाडोल, एल्ट्राजोलाम की गोलियां, कैप्सूल और इंजेक्शन हैं। आरोप है कि ऐसी दवाएं युवा वर्ग को सप्लाई की जाती है। नशे की दवाएं और इंजेक्शन युवा वर्ग किसी भी कीमत पर खरीदने को तैयार होता है।
ऐसी अधिकांश नशीली दवाएं कालाबाजार में ही उपलब्ध होती है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि पूर्व में मिली दवाओं का कितना संबंध रामगंज और अलवर गेट क्षेत्र में मिली दवाओं से है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने दो दिन पहले जिस साजिद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, उसी ने पुलिस को बताया कि नशीली दवाएं किन किन स्थानों पर भेजी जाती थी। साजिद पिछले कुछ दिनों तक विनायक मेडिकल स्टोर पर ही कार्यरत था।